शिविर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से टेबल लगाई गई है। यहां पर चिकित्सक-नर्सिंगकर्मी आदि तैनात किए गए हैं। स्थिति यह है कि पूरे दिनभर में बामुश्किल दो-चार लोग इसका लाभ ले रहे हैं। इसके अलावा कोरोना से बचाव की वैक्सीन लगाने का खाता नहीं खुला है। शिविर में एक-दो लोगों के लिए वैक्सीन की वाइल नहीं खोले जाने के कारण उन्हें भी सिटी डिस्पेंसरी भेज दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि एक वाइल से 10 लोग होने पर वैक्सीन लगाई जाती है।
एक भी नहीं आया नया आवेदन
सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग की टेबल पर एक भी पालनहार योजना का अभी तक आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। इसके अलावा पिछले 16 दिनों में मात्र 6 लोग इसमें त्रुटि सुधार के लिए आए हैं। इसी तरह अन्य विभागों की स्थिति भी यही है।
11 करोड़ से अधिक का राजस्व मिला
नगर परिषद की ओर से प्रशासन शहरों के संग के पहले और दूसरे चरण के शिविरों में अभी तक 2004 पट्टे वितरित कर 705 के नामातंरण खोले गए हैं। इसके साथ ही 871 की निर्माण स्वीकृति जारी की गई है। नगर परिषद को अभी तक 11 करोड़ 72 लाख 74 हजार रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।