वायरल हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो वायरस के कारण लिवर को प्रभावित करती है। यह वायरस खून के माध्यम से लिवर में प्रवेश करता है और फिर लिवर फेलियर समेत कई गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। यदि इसका इलाज समय पर ना किया जाए, तो यह मौत का कारण भी बन सकता है। वायरल हेपेटाइटिस पांच प्रकार का होता है, ए,बी,सी,डी और ई। इसके कारण शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द और पिलिया की परेशानी होती है।
यह है लक्षण
हेपेटाइटिस बी का मुख्य कारण संक्रमित ब्लड व सुई तथा असुरक्षित यौन सम्बन्धों के कारण होता है। इसके कारण पेटदर्द, स्किन का रंग पीला पडऩा और उल्टी व थकान होता है। हेपेटाइटिस सी व डी भी रक्त संक्रमण के कारण फैलता है। टैटू गुदवाने, दूषित ब्लड चढऩे व संक्रमित सुई लगने, दूसरे का शेविंग किट का इस्तेमाल करने से यह हो सकता है। हेपेटाइटिस ई-दूषित खानपान और पानी के सेवन से होता है। इससे थकान, वजन घटना, त्वचा पर पीलापन और हल्का बुखार होता है।