नंदसमंद की पाल पर चहलकदमी अब खतरनाक
चादर के ऊपर बना फुटपाथ हो रहा जर्जर रैलिंग नहीं होने से बना हुआ है खतरा दरवाजे पर ग्रीस भी है आधा-अधूरा
नंदसमंद की पाल पर चहलकदमी अब खतरनाक
गिरिराज सोनी/प्रमोद भटनागर
नाथद्वारा. शहर के नंदसमंद बांध के भरने के बाद यदि आप बांध पर जाएं तो आप भी सतर्क रहें और बच्चे साथ हों तो उन्हें साथ रखते हुए सतर्कता बरतने को कहें। इतनी सतर्कता और सावधानी बरतना इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि बांध पर जो हालात वर्तमान में बने हुए हैं, उसमें जरा सी लापरवाही भी जानलेवा बन सकती है।
बांध के पुराने गेट के पास जहां चादर के ऊपर फुटपाथ बना हुआ है उसकी स्थिति यह है कि पाल से लेकर गेट तक यह काफी जर्जर हो चुका है। यही नहीं, उसके ऊपर जो लोहे के पाइप की रैलिंग और सीमेंट के पिलर लगे हुए हैं, वे भी कई फीट तक उखड़ चुके हैं। वहीं, जहां पर कुछ लगे हुए हैं भी तो वे भी जर्जर हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में इस क्षेत्र में जाना काफी खतरनाक है। जबकि, बांध में पानी के आने के बाद से ही वहां रविवार से ही लोगों की जबर्दस्त आवाजाही शुरू हो चुकी है। यहां रविवार को दिनभर लोगों का रेला चलता रहा। वहीं, अब जबकि बांध में पानी की आवक जारी है, ऐसे में बांध छलकेगा तो पर्यटकों की आवाजाही और भी बढ़ जाएगी। ऐसे, खासतौर पर रेलिंग के नहीं होने और जर्जर होने से हमेशा दुर्घटना की अशंका बनी रहेगी। लेकिन, आश्चर्य की बात है कि इस बदहाली के बाद भी न तो सिंचाई विभाग की ओर से और न ही प्रशासन की ओर से इस पर अब तक कोई ध्यान दिया गया है।
वाहनों को रोकने वाला भी कोई नहीं
बांध में पानी आने के बाद वहां के नजारे को देखने कई लोग दुपहिया और चारपहिया वाहन लेकर पहुंच रहे हैं। ऐसे में बांध की पाल पर कई दुपहिया वाहन भी बेरोकटोक आते-जाते रहे। वहीं कई वाहन तो पाल पर काफी देर तक खड़े भी रहे। इस स्थिति से हादसे की आशंका और भी बढ़ जाती है, लेकिन इसके बाद भी किसी ने यहां सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा।
11 करोड़ की लागत से करवाने हैं कई कार्य
बांध पर कार्य कराने को लेकर विभाग के द्वारा सर्वे किया गया था, जिसमें लगभग ११ करोड़ रुपए की लागत से बांध पर कई कार्य कराने हैं। उसमें यहां का कार्य भी शामिल है।
मनोज कुमार, कनिष्ठ अभियंता, सिंचाई विभाग, नाथद्वारा
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