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रामगढ़

बिहार से झारखंड के गांवों तक पहुंच गया कोरोना का अंधविश्वास

(Jharkhand News)कोरोना (Corona ) ने इतनी तेजी से फैलने में इतना वक्त नही लगाया होगा, जितना इसको लेकर अंधविश्वास फैल रहा है। बीते एक सप्ताह में कोरोना को लेकर अंधविश्वास (Corona’s superstition) बिहार से झारखंड पहुंच गया। महिलाएं पूजा-पाठ करके कोरोना को भगाने का प्रयास कर रही हैं। सोशल मीडिया पर इस तरह के प्रचार ऐसे अंधविश्वास को ओर बल मिला है।

रामगढ़Jun 10, 2020 / 06:15 pm

Yogendra Yogi

बिहार से झारखंड के गांवों तक पहुंच गया कोरोना का अंधविश्वास

बिहार से झारखंड के गांवों तक पहुंच गया कोरोना का अंधविश्वास

रामगढ़(झारखंड): (Jharkhand News)कोरोना (Corona ) ने इतनी तेजी से फैलने में इतना वक्त नही लगाया होगा, जितना इसको लेकर अंधविश्वास फैल रहा है। बीते एक सप्ताह में कोरोना को लेकर अंधविश्वास (Corona’s superstition) बिहार से झारखंड पहुंच गया। कोरोना से लडऩे के लिए जहां वैक्सीन की खोज के साथ बचाव के कारगर उपाय तलाशे जा रहे हैं, वहीं अंधविश्वास भी बढ़ रहा है। पहले बिहार और झारखंड में कोरोना को देवी माता मानकर पूजा की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में यह अंधविश्वास फैल रहा है। महिलाएं पूजा-पाठ करके कोरोना को भगाने का प्रयास कर रही हैं। सोशल मीडिया पर इस तरह के प्रचार ऐसे अंधविश्वास को ओर बल मिला है।

पूजा से गड्ढे में दबाया कोरोना
कुजू पश्चिमी पंचायत के बमनगर व राम नगर की रहने वाली ग्रामीण महिलाएं स्नान कर तेलनियागढ़ा के जंगल और खेत पहुंची। जिसमें दर्जनभर महिलाएं शामिल थीं। महिलाओं ने अलग-अलग गड्ढा खोदकर उसमें नौ लड्डू, फूल, अगरबत्ती, सिंदूर, जल आदि अर्पण कर गड्ढे को बंद करते हुए देश से कोरोना को दूर करने की कामना की।

सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई धज्जियां
मांडू प्रखंड के कुजू पश्चिमी पंचायत के रामनगर व बमनगर की कुछ महिलाएं ध्यान कर खेत व जंगल की ओर हाथ में लोटा और अन्य पूजा सामग्री लेकर निकल पड़ी. जिसमें न कोई सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल और न ही कोई भी महिला मास्क पहन रखा था। खेत पहुंचते ही महिलाएं नौ लड्डू, नौ फूल, नौ अगरबत्ती चढ़ाकर खेत या जंगल में अपने-अपने गड्ढे खोदकर उसमें डालती हैं। दावा करती है कि ऐसा करने से कोरोना महामारी दो सप्ताह में समाप्त हो जायेगा

पुलिस ने हटाया था त्रिशूल
मच्छखंदवा बस्ती में जब किसी शरारती व्यक्ति द्वारा मुनगा के पेड़ पर भगवान शिव के त्रिशुल का आकृति बनाया गया था। जिसमें बड़ी तदाद में महिलाएं पहुंचकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए पूजा अर्चना करते दिखाई दी थीं। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उस पेड़ को हटा दिया गया था।

सोशल मीडिया से बढ़ रहा है अंधविश्वास
बिहार के बरौनी क्षेत्र में कोरोना माई की पूजा का वीडियो सोशल साइट्स पर वायरल होने के बाद क्षेत्र में अंधविश्वास और भी बढ़ गया है। ग्रामीण महिलाएं तेजी से इस अंधविश्वास के चक्रव्यूह में फंस रही हैं। महिलाएं कोरोना महामारी की कोरोना माई के नाम से पूजा करने लगी हैं। वायरल हुए वीडियो में बिहार के बरौनी में एक गाय के औरत के रूप में प्रकट होकर खुद को कोरोना माई बताने की बात कही जा रही है। जिसके बाद से लगातार क्षेत्र में इस तरह की पूजा अर्चना जारी है। इस झूठे वायरल वीडियो ने महिलाओं को अंधविश्वास के भंवर में धकेल दिया है।

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