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रामगढ़

अंतिम पायदान पर खड़े लोग नौकरशाही से खुश नहीं-लंबोदर महतो

स्वराज स्वाभिमान यात्रा के नेतृत्वकर्ता आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो के साथ गांव- गांव गया और लोगों के मन मिजाज को समझने एवं जानने की कोशिश की…

रामगढ़Oct 26, 2018 / 05:20 pm

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 डॉ. लंबोदर महतो

डॉ. लंबोदर महतो

(रामगढ़): आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव और झारखंड प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ती लेकर सामाजिक-राजनीतिक जीवन में आकर गोमिया विधानसभा उपचुनाव में दमदार उपस्थिति दर्ज कराने वाले डॉ. लंबोदर महतो ने कहा कि अंतिम पायदान पर खड़े लोग नौकरशाही से बहुत खुश नहीं हैं और वे चाहते जनता के विचारों पर आधारित अपना राज स्थापित हो। उन्होंने कहा कि स्वराज स्वाभिमान यात्रा के नेतृत्वकर्ता आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो के साथ गांव- गांव गया और लोगों के मन मिजाज को समझने एवं जानने की कोशिश की।


किया इन जगहों का दौरा

उन्होंने कहा कि मांडू विधानसभा क्षेत्र के हैसालौंग गांव से शुरू होकर टुंडी विधानसभा क्षेत्र के बंगारो गांव में समाप्त हुए स्वराज स्वाभिमान यात्रा रामगढ़, बोकारो एवं धनबाद जिले के छह विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों स्थानों से गुजरा। इसमें आम जनों की बड़ी भागीदारी हुई और यह स्थिति प्रत्येक दिन बनी रही। सैकड़ों स्थानों पर हुई सभा एवं चौपाल में लोगों ने शासन व प्रशासन के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया।


सभी जी सके सम्मानपूर्वक जीवन

लंबोदर महतो ने कहा कि यह यात्रा झारखंड के विषय एवं विचारधारा को स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगी। दस दिनों तक चले स्वराज स्वाभिमान यात्रा का मकसद यही था कि गांधी जी की परिकल्पना साकार हो तथा गांव में अपना शासन स्थापित हो सके। साथ ही स्वाभिमान की रक्षा के साथ- साथ सम्मान पूर्वक लोग जीवन जी सके।


राजनीतिक का मकसद बना केवल…

उन्होंने कहा कि राजनीति का मकसद सिर्फ चुनाव लड़ना और चुनाव जीतना भर रह गया है या यूं कहें कि राजनीति वोट के इर्द-गिर्द घूमता रहती है और सत्ता प्राप्ति का लक्ष्य बना रहता है। स्वराज स्वाभिमान यात्रा इससे अलग हटकर आम जनमानस के बीच इस बात को लेकर संवाद किया है कि हमें सशक्त समाज का निर्माण करना है।


लोगों से संवाद में सामने आई यह बातें

आजसू नेता ने कहा कि यात्रा के दौरान जनपयोगी योजनाओं की धरातल पर क्या स्थिति है और किन वजह से योजनाओं का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। इस पर भी लोगों ने बेबाकी से अपनी बातों को रखा। लोगों से हुए संवाद से यह स्पष्ट हो गया है कि नौकरशाही व्यवस्था के तहत बीडीओ, सीओ व थाना, जो सरकारी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है,उससे लोग राहत चाहते हैं। उन्होंने बताया कि चरण वार होने वाली यह यात्रा 32 हजार गांवों में से पांच हजार गांव में जायेगी, जहां पर 25 लाख से अधिक लोगों से लोगों से संवाद स्थापित किया जाएगा।

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