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इसलिए थोड़ा सा वक्त चाहिए और मैं चाहूंगा कि मुझे 7 दिन का और वक्त दिया जाए, ताकि 7 दिन में पूरी
तैयारी के साथ उनके सारे सवालों का जवाब दे सकूं। इस सरकार ने मुझे इतना परेशान और दुखी कर दिया है। इस सरकार ने न सिर्फ मुझे इतना तोड़ कर रख दिया है, बल्कि इस सरकार ने मेरे परिवार पर ऐसी मुसीबत डाल दी है। मैं चाहूंगा कि किसी और पर इतना जुल्म न की जाए, लेकिन मैं हिम्मत से हर सवाल का जवाब दूंगा, क्योंकि मैं न गलत था और न ही गलत हूं और ना ही गलत चीजों को लेकर कोई दिक्कत है। हर सवाल का जवाब देने के लिए मैं खुद यहां पर आ रहा हूं और आऊंगा।
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उन्होंने बताया कि मंगलवार को जब मैं लखनऊ में था, तभी रामपुर में मेरे घर एक और नोटिस इस्थानीय पुलिस ने चस्पा कर दिया और उसमें लिखा था कि हर हाल में बुधवार को महिला थाने आकर आपको हमारे सवालों का जवाब देना है। आप समझिए, मैं अपनी जान पर खेलकर बय कार लखनऊ से रात में ही अपने घर भागा और फिर अब महिला थाने आ करके मैंने उनके तमाम सारे सवालों के जवाब दिए और तमाम सारे सवालों का जवाब देने के लिए मैंने उनसे 7 दिन का वक्त मांगा है। बरहाल मुझे कोई अभी उनकी तरफ से आश्वासन नहीं मिला कि उन्होंने 7 दिन का समय दिया या नहीं दिया है, पर मैंने लिखित तौर में उनको एक प्रार्थना-पत्र दिया है कि 7 दिन के बाद आकर के मैं महिला थाने में उनके हर सवाल का जवाब दे दूंगा, लेकिन जिस तरह से जल्दबाजी की जा रही है। जिस तरह से बार-बार मेरे घर पर नोटिस चस्पा किए जा रहे है। उस तरह से लगता है कि मुझे जी जान से दुखी करने में स्थानीय प्रशासन और सरकार लग गए हैं। उन्होंने कहा कि कितना दुखी करेंगे, कितना परेशान करेंगे, मैं दुखी होने के लिए तैयार हूं और परेशान होने के लिए भी, लेकिन सच बताऊंगा, सच कहूंगा।