ये है पूरा प्रकरण बता दें कि कई माह पहले एक शिकायत सांसद आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर जिलाधिकारी के यहां की गई। जिसकी जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि जो आरोप शिकायत में लगाये गए हैं, वह सभी सही हैं। उन्हीं आरोपों को लेकर डीएम के आदेश पर एडीएम कोर्ट में आजम खान के खिलाफ केस दर्ज हुआ। उसी केस को लेकर आजम खान के वकील बार बार कोर्ट से अगली तारीख मांग रहे थे। कोर्ट में वकील को साक्ष्य देने हैं। जिसमें कोर्ट को सुनवाई करके फैसला सुनाना है।
आजम खान के ट्रस्ट पर हैं ये आरोप सरकारी वकील के मुताबिक पूर्व की सरकार में मन्त्री रहे आजम खान ने अपनी जौहर ट्रस्ट की जमीन खरीद फरोख्त के लिए एक शासनादेश के तहत स्टांप शुल्क में छूट कराई थी। शासनादेश में ये साफ साफ लिखा है कि ये छूट इसलिए दी जा रही है कि जिस जमीन को खरीदा जाएगा, उस जमीन पर चैरिटी के कामकाज किये जायेंगे। इससे क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा, पर पिछले दस वर्षों में ऐसा कोई कार्य जौहर ट्रस्ट में नहीं हुआ है। शासनादेश में लिखा है कि अगर कोई काम चैरिटी का नहीं होता है तो ये जमीन जिसकी है उसे वापस हो जाएगी। यानी कि सांसद आजम खान का कब्जा उस जमीन से खत्म हो जाएगा।
सांसद आजम खान के वकील बोले- वहीं संसद आजम खान के वकील अजय पाठक ने बताया कि ट्रष्ट पर जो भी आरोप लगाए हैं, वह निराधार हैं। हमारी तैयारी पूरी हो गई है। कोर्ट ने जो अगली तारीख दी है उसी तारीख पर हम कोर्ट को साफ कर देंगे कि पिछले दस वर्षों में जौहर ट्रष्ट के भीतर चैरिटी के इतने कार्ये किये हैं, जिससे यहां की जनता को उसका लाभ मिला है।