बता दें कि कांग्रेस नेता फैसल खान लाला शुरुआत से ही सपा के कद्दावर नेता आजम खान के धुर विरोधी हैं। सांसद आजम खान के खिलाफ जिला प्रशासन ने एक बाद एक 82 मुकदमे दर्ज होने पर पार्टी भी उनके बचाव में खड़ी नजर आ रही है। इसी वजह से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी आजम खान के समर्थन में उतर आए हैं। वहीं कांग्रेस ने इसको लेकर अपना रुख साफ नहीं किया है, लेकिन कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष लगातार आजम खान के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए थे। इसके साथ ही फैसल खान लाला अखिलेश यादव के खिलाफ भी लगातार अवांछनीय, अनर्गल टिप्पणी कर रहे थे।
कांग्रेस की अनुशासन समिति ने फैसल खान लाला के बयानों का संज्ञान लेते हुए उन्हें एक नोटिस भी जारी किया था। समिति का कहना है कि फैसल खान लाला ने नोटिस का जवाब देने के स्थान पर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ भी अशोभनीय और गलत भाषा का इस्तेमाल करते हुए बयानबाजी शुरू कर दी। वह नोटिस का जवाब देने के लिए समिति के सामने भी नहीं आए। उनके द्वारा लगातार अखिलेश यादव के खिलाफ गलत बयानबाजी जारी रही है, जो किसी भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस की नीति-रीति के विपरीत है।
कांग्रेस ने पत्र जारी कर फैसल खान लाला को छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि आप आजम खान से पुरानी रंजिश के कारण बदले की नीयत से भाजपा की गोद में खेलते हुए कांग्रेस की छवि खराब करने का कार्य कर रहे हैं। यह घोर अनुशासनहीनता है। बता दें कि कांग्रेस अनुशासन समिति के पत्र में पूर्व विधायक व समिति सदस्य राम जियावन के हस्ताक्षर हैं। इसकी एक-एक प्रतिलिपि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, प्रदेश अध्यक्ष और रामपुर जिलाध्यक्ष को भी भेजी गई है।