scriptUP की वह सीट जहां आजादी के बाद गैर मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं मिली जीत, पहली बार इस महिला मुस्लिम उम्मीदवार ने दर्ज की जीत | Muslim candidate Tanjin Fatima won from Rampur seat, Non-Muslim candid | Patrika News
रामपुर

UP की वह सीट जहां आजादी के बाद गैर मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं मिली जीत, पहली बार इस महिला मुस्लिम उम्मीदवार ने दर्ज की जीत

Highlights

रामपुर में सपा प्रत्याशी जीत की दर्ज
रामपुर सीट पर एक बार फिर मुस्लिम उम्मीदवार की जीत
आजम खान के सांसद बनने के बाद हुआ उपचुनाव

रामपुरOct 24, 2019 / 03:48 pm

Ashutosh Pathak

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रामपुर। उत्तर प्रदेश की वो सीट जहां 1952 के बाद किसी भी गैर मुस्लिम उम्मीदवार की जीत नहीं हुई और यह इतिहास इस बार भी बरकरार है। क्योंकि इस बार भी रामपुर से मुस्लिम प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की है। दरअसल उत्तर प्रदेश का रामपुर जिले में पचास प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम रहते हैं। जो कि सपा सांसद आजम खान का गढ़ माना जाता है। इसलिए पहले से तय माना जा रहा था कि बीजेपी का यहां से जीतना नाको चने चबाने के बराबर है।
हालाकि अब नतीजे सामने आने लगे हैं। ऐसे में रामपुर से एक बार फिर सपा बढ़त पर हैं। वैसे रामपुर में प्रत्याशियों पर नजर डाले तो बीजेपी को छोड़ सभी पार्टियों ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। सपा ने जहां राज्यसभा सांसद और आजम खान की पत्नी तंजीम फतिमा को प्रत्याशी बनाया। वहीं कांग्रेस ने अरशद अली खान को और बीएसपी ने जुबैर मसूद खान को अपना प्रत्याशी बनाया। जबकि बीजेपी ने भारत भूषण को मैदान में उतारा।
रामपुर सीट के इतिहास पर नजार डाले तो यहां से कभी गैर मुस्लिम प्रत्याशी की जीत नहीं हुई है। 1952 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के फजलुल हक विजयी रहे।
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इसके बाद स्वतंत्र प्रगतिशील विधान मंडलीय दल के असलम खां चुनाव जीते। तीसरे चुनाव में कांग्रेस की किश्वर आरा बेगम ने जीत हासिल की। चौथे चुनाव में स्वतंत्र पार्टी के अख्तर अली खां विधायक बने। पांचवीं विधानसभा में नवाब सैयद मुर्तजा अली खां विजयी रहे। इसके बाद छठे व सातवें चुनाव में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के शन्नू खां विजयी रहे। आठवीं विधान सभा के लिए 1980 में हुए चुनाव में आजम खां जनता पार्टी से और नौंवे चुनाव में लोकदल से चुनाव जीते। 1989 में जनता दल से आजम खान तीसरी बार विधायक चुने गए । इसके बाद फिर आजम 1991 व 93 में समाजवादी पार्टी से चुनाव जीते, लेकिन 1996 में हार गए। तब कांग्रेस के अफरोज अली खां चुनाव जीते। इसके बाद से 2002, 2007, 2012, 2017 में भी आजम खां ही चुनाव जीते। अब उनके इस्तीफे के बाद उपचुनाव हुआ जिसपर एक बार मुस्लिम उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है।

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