इसके बाद से वह गुमशुम सी रहने लगी है। जेल प्रशासन शबनम पर पैनी नजर बनाए हुए है। जेल कारागार राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि शबनम का डेथ वारंट फिलहाल रामपुर नहीं आया है। शबनम से लगातार जेल प्रशासन संपर्क बनाए हुए है। जेलर ने बताया कि वह खुद भी शबनम से मिलते रहते हैं। हर घंटे शबनम से बात की जाती है और उसे अकेला नहीं छाेड़ा जाता।
साल 2008 में शबनम और उसके आशिक सलीम ने मिलकर परिवार के सात सदस्यों को कुल्हाड़ी से काट डाला था। इस मामले में हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के यहां से भी शबनम की सजा को बरकरार रखा गया।