विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पार्टी मंडल डैम के जल बंटवारे के वर्तमान फॉर्मूले का विरोध करती है और इसे रद्द करने की मांग करती है तथा यह भी मांग करती है कि इस डैम का 70 प्रतिशत पानी झारखंड के किसानों के खेतों में दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि मंडल डैम से 24 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी और बिजली झारखंड को मिलेगी, लेकिन पलामू-गढ़वा के लोगों की असल जरुरत पानी है। उन्होंने कहा कि यह काफी शर्म की बात है कि मुख्यमंत्री बाहर के लोगों को बुलाए और राज्य का सारा पानी उसके हाथों में सौंप दें, ऐसा इसलिए हो रहा है, मुख्यमंत्री रघुवर दास मूल रूप से झारखंड के रहने वाले नहीं है।
सीएम को बताया प्रवासी
उन्होंने रघुवर दास को प्रवासी बताते हुए कहा कि उन्हें झारखंड की नहीं,सत्ता की चिंता है। पलामू, गढ़वा और लातेहार जैसे सूखाग्रस्त क्षेत्र के किसानों की छाती से गुजरकर यह पानी बिहार के खेतों को लहलहाएगा। वर्तमान फॉर्मूले के अनुसार डैम का 75 प्रतिशत पानी बिहार को और 25 प्रतिशत पानी झारखंड को मिलेगा।
12 को निकालेंगे संघर्ष यात्रा
हेमंत सोरेन ने कहा कि यह परियोजना भाजपा और झारखंड के प्रवासी मुख्यमंत्री के झारखंड विरोधी चरित्र को उजागर करता है। पहले इन्होंने खदानों को लूटा, कंबल में लूट मचायी, बेरोजगार युवकों के रोजगार में डाका डाला और अब झारखंड के किसानों का भाग्य और भविष्य लूटने पर आमादा है। उन्होंने बताया कि पार्टी की ओर से आगामी 12 जनवरी से पांच दिवसीय पलामू प्रमंडल में संघर्ष यात्रा निकाली जाएगी, वे मंडल डैम से प्रभावित गांवों में भी जाएंगे और लोगों के साथ मिलकर संघर्ष करेंगे।