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रांची

समर्थकों को अपने घर में पार्टी का झंडा लगाने की छूट, पर आचार संहिता के दौरान किया यह काम तो पड़ेगा भारी

उम्मीदवार का झंडा लगाने की अनुमति नहीं, वाहनों पर पार्टी का झंडा लगाने पर भी रोक, नोटा का प्रयोग करें पर प्रचार-प्रसार नहीं…
 
 

रांचीMar 25, 2019 / 04:05 pm

Prateek

flag file photo

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(रांची): चुनाव के दौरान लोग विचाराधारा और अपनी इच्छानुसार विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के समर्थन में खुलकर सामने उतर आते है, लेकिन जानकारी के अभाव में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में फंस जाते है। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से आदर्श आचार संहिता के तहत भादवि की विभिन्न धाराओं के अलावा सीआरपीसी , जन प्रतिनिधित्व कानून, मोटरवाहन कानून और आर्म्स एक्ट समेत विभिन्न कानूनों के तहत नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की जाती है।

 

इन एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव के दौरान आमजनों को अपने घर-मकानों पर अपनी विचारधारा के अनुसार किसी भी राजनीतिक दल का झंडा लगाने की छूट दी जाती है, लेकिन अपने घर में किसी उम्मीदवार का झंडा लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ऐसा करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और दूसरे को दिक्कत होने पर आईपीसी की धारा 171 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। वहीं चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों से संबंध रखने वाले कुछ लोग अपने वाहनों में पार्टी का झंडा भी लगा लेते है, ऐसे लोगों के खिलाफ भी मोटरवाहन एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है।


सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी रखे ध्यान

सोशल मीडिया के माध्यम से दूसरे की भावना आहत करने पर भी आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है। उत्तराखंड में एक ऐसा मामला सामने आया था,जिसमें बेटे की शादी के कार्ड में किसी एक खास दल के उम्मीदवार के पक्ष में वोट कर शादी में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया था,ऐसे मामले में भी आयोग ने संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजा और बाद में उनके द्वारा माफी भी मांगी गई थी। ऐसे में चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के समर्थक उत्साहित होकर कोई ऐसा काम नहीं करें, जिससे वे मुश्किल में फंस सकते है।


नोटा का प्रचार करना भी खडी कर सकता है मुश्किल

आयोग की ओर से यह भी साफ किया गया है कि मतदान के दौरान किसी भी मतदाता को यदि चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों में कोई भी अच्छा नहीं लगता है, तो वह नोटा का प्रयोग करें, लेकिन किसी व्याक्ति द्वारा नोटा का प्रचार-प्रसार किया जाना उसके लिए मुश्किल साबित हो सकता है, क्योंकि नोटा का प्रयोग व्यक्ति को अधिकार उसका मताधिकार प्रदान करता है, लेकिन किसी दूसरे को इसके लिए बाध्य करने की अनुमति नहीं दी सकती।

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