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रांची

पटना के बजाए अब रांची में सक्रिय हो गई बिहार की राजनीति

झारखंड में विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ बिहार की राजनीति रांची शिफ्ट हो गई है। रांची इन दिनों बिहार के नेताओं की गतिविधियों का केन्द्र बन गया है। प्रमुख राजनीतिक दल पड़ोसी झारखंड में चुनाव लड़ रहे हैं।

रांचीNov 05, 2019 / 03:38 pm

Yogendra Yogi

पटना के बजाए अब रांची में सक्रिय हो गई बिहार की राजनीति

पटना के बजाए अब रांची में सक्रिय हो गई बिहार की राजनीति

पटना (प्रियरंजन भारती): झारखंड में विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ बिहार की राजनीति रांची शिफ्ट हो गई है। रांची इन दिनों बिहार के नेताओं की गतिविधियों का केन्द्र बन गया है। प्रमुख राजनीतिक दल पड़ोसी झारखंड में उतनी ही शिद्दत से चुनाव लड़ रहे हैं और कमोबेश इन दलों की कमान बिहारी नेताओं और यहां से ताल्लुक रखने वाले नेताओं के ही हाथ में हैं। विधानसभा चुनावों में बिहार की राजनीति एक बार फिर रांची जा चुकी है।

बिहार सीएम भी सक्रिय
बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार झारखंड में भी अपनी पार्टी मजबूत करने की कोशिशों में लगे हैं। वह भी भाजपा से अलग विरोधियों की तरह। उनका प्रयास है कि बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा के साथ तालमेल हो।

भाजपा की लगी हैं निगाहें
मरांडी के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में जदयू ने भी समर्थन किया था। नीतीश के सिपहसालार कहलाने वाले आरसीपी सिंह इन दिनों रांची में ही डटे हुए हैं। जैसे-जैसे चुनाव की गर्मी बढ़ेगी अधिकांश दिग्गज जदयू नेता रांची शिफ्ट करते जाएंगे। दूसरी तरफ भाजपा फिर से अपनी सरकार बनाने के केंद्र बिंदू पर चुनाव अभियान में डटी है तो यहां के नेता रांची में अधिक समय देने लगे हैं। राज्य के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव झारखंड के सह प्रभारी होने के नाते वहीं डेरा डाले हैं। संगठन से जुड़े कई बिहारी नेताओं का रांची आना जाना अधिक हो रहा है।

जेल से ही सक्रिय लालू
महागठबंधन दलों की कमान रांची जेल में चारा घोटाले की सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ही संभाल रहे हैं। आरजेडी, कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा में सीट बंटवारे को वही अंतिम रूप देने वाले हैं। वैसे भी आरजेडी सुप्रीमो अपनी पार्टी और कांग्रेस के आंतरिक फैसले जेल के भीतर से तय करते आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार और झारखंड के सीट बंटवारे को उन्होंने ही अंतिम रूप दिया था। कांग्रेस समेत महागठबंधन दलों के दूसरे नेता रांची जेल में लालू यादव से मिलकर ही फैसलों पर मुहर लगवाते रहे हैं।
झारखंड चुनाव मे भागीदारी चाहने वाले वामदलों तथा अन्य दूसरे दलों के नेता भी लालू यादव के निर्णय की ही दरकार हैं। अभी इन दलों की प्रेशर पॉलिटिक्स जारी है जिसे लालू यादव ही अंतिम रूप से निबटाएंगे।

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