मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में मंगलवार को रांची स्थित झारखंड मंत्रालय में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनेट सचिव एस.के.जी. रहाटे ने पत्रकारों को केंद्र सरकार ने सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने के लिए 18 नवंबर तक की समय सीमा तय की थी, इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की स्वीकृति के प्रत्याशा में 129 प्रखंडों को सुखाड़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी पहले ही प्रदान कर दी थी और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से पूर्व में ही इस आशय को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई थी।
उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में खूंटी, गुमला, हजारीबाग और सिमडेगा जिले के कुछ अन्य प्रखंडों में कम बारिश की वजह से फसल को नुकसान पहुंचने की सूचना को लेकर संबंधित विभाग को फिर से छानबीन कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। बताया गया है कि खूंटी के कर्रा-तोरपा समेत कई अन्य प्रखंडों में समय पर अच्छी बारिश नहीं होने के कारण फसल अच्छादन की स्थिति अच्छी नहीं है।
इधर, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी की अध्यक्षता में आज राज्य कारिणी की हुई बैठक में सुखाड़ग्रस्त प्रखंडों में पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए के लिए 100 करोड़ रुपए अग्रिम के तौर पर उपलब्ध कराई गई है। वहीं सभी जिलों के उपायुक्तों को एक-एक करोड़ रुपए की विशेष निधि उपलब्ध कराई गई है,जिसकी मदद से सुखाड़ग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। एक अन्य प्रस्ताव में डीजल और पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.50 रुपए की कमी किए जाने के प्रस्ताव को भी घटनोत्तर मंजूरी दे दी।
इसके अलावा रांची के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान के लिए अधिसूचित झारखंड चिड़ियाघर प्राधिकरण के नियम एवं विनियम (बाय लॉज) में संशोधन की स्वीकृति दी गई। जबकि मुख्यमंत्री द्वारा दिए जाने वाले वैवेकिक अनुदान की अधिसीमा को तीन करोड़ से बढ़ाकर चालू वित्तीय वर्ष के लिए पांच करोड़ रुपए करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।