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रांची

झारखंड प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी फिर आई सतह पर, बलमुचू ने राज्यसभा चुनाव को लेकर किया बड़ा खुलासा

प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस विधायक दल के नेता राजेंद्र प्रसाद ने ही वर्ष 2012 के राज्यसभा चुनाव में उन्हें हराने की साजिश रची…

रांचीAug 12, 2018 / 04:14 pm

Prateek

पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू

पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू

(पत्रिका ब्यूरो,रांची): झारखंड प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी और पार्टी के प्रमुख नेताओं के बीच आपसी कलह एक बार फिर खुलकर सतह पर आ गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा है कि वर्ष 2012 के राज्यसभा चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस विधायक दल के नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह ने उन्हें हराने की साजिश रची थी, लेकिन उस दिन चुनाव रद्द हो जाने के बाद हुए चुनाव में नेतृत्व की कड़ी निगरानी के कारण उनकी जीत हो सकी।


प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस विधायक दल के नेता राजेंद्र प्रसाद ने ही वर्ष 2012 के राज्यसभा चुनाव में उन्हें हराने की साजिश रची। क्रॉस वोटिंग भी हुई, लेकिन कई कारणों से चुनाव आयोग ने उस दिन के चुनाव को ही रद्द कर दिया। बाद में यह मामला सीबीआई जांच के लिए गया। उन्होंने बताया कि उस चुनाव के दौरान जब कांग्रेस विधायक दल के नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह ने खुद चुनाव एजेंट बनने का प्रस्ताव रखा, तो उन्हें शंका हुई कि उन्हें क्रास वोटिंग कर चुनाव हराने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने तब राजेंद्र प्रसाद सिंह से आग्रह भी किया कि वे चुनाव एजेंट न बने और विधायक उनके पक्ष में कैसे वोट करें, इसका प्रयास करें। बाद में उन्होंने तत्कालीन विधायक चंद्रशेखर दूबे से संपर्क किया और उनसे चुनाव एजेंट बनने का आग्रह किया।


उन्होंने बताया कि 2012 में यदि पहली बार चुनाव रद्द नहीं होता, तो क्रॉस वोटिंग में शायद हार गए होते, लेकिन जब आयोग के निर्देश पर फिर से पूरी चुनाव प्रक्रिया शुरू की गई, तो उन्होंने दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह किया कि वे चुनाव पर कड़ी नजर रखे। जिसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सचिव आशा कुमारी को चुनाव एजेंट बनाया था, लेकिन यदि उस समय भी राजेंद्र प्रसाद सिंह की चलती, तो उनकी हार
निश्चित थी।


पूर्व विधायक चंद्रशेखर दूबे ने भी बलमुचू के बयान का समर्थन करते हुए बताया कि चुनाव के वक्त बलमुचू ने उन्हें सारी बातों की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि राजेंद्र प्रसाद सिंह सत्ता के पीछे चलने वाले व्यक्ति हैं। आज वे इंटक में संजीवा रेड्डी के साथ है, कल वे कहां रहेंगे,इस बारे में कोई कुछ नहीं बता सकता। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि संजीवा रेड्डी आने वाले समय में इंटक छोड़ कर एचएमएस में शामिल होने की तैयारी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि संजीवा रेड्डी से उसी समय मतभेद शुरू हो गए थे, जब वर्ष 2000 में रांची में इंटक के महाधिवेशन में संजीवा रेड्डी ने कहा था कि वे सोनिया गांधी से गाइड नहीं होते है, कांग्रेस पार्टी से इंटक का कुछ लेना-देना नहीं है।


गौरतलब है कि इससे पहले राजेंद्र प्रसाद सिंह ने भी जमशेदपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि उन्होंने प्रदीप कुमार बलमुचू को राज्यसभा भेज कर बड़ी भूल की। वहीं राजेंद्र प्रसाद सिंह की ओर से यह भी दावा किया गया है कि संजीवा रेड्डी का इंटक ही असली है और इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से भी उनके संगठन के पक्ष में फैसला आ चुका है, जबकि चंद्रशेखर दूबे ने राजेंद्र प्रसाद सिंह के इस दावे को खारिज किया है और संजीवा रेड्डी पर कई अन्य आरोप लगाए हैं।

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