स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि टीकाकरण अभियान में अधिकांश सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों को प्रशिक्षित नर्स द्वारा टीका लगाया जाएगा। इस कार्य के लिए 11 विभागों का सहयोग लिया जा रहा है,जिसमें पंचायती राज, बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग, शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग शामिल हैं।
डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के अलावा लायंस क्लब, रोटरी क्लब, आईएमए व आईपीए समेत अन्य संगठनों का सहयोग लिया जा रहा है। निधि खरे ने बताया कि मिजिल्स रूबेला का टीका कई जानलेवा बीमारियों से बचाता है, साथ ही गर्भवती महिलावों को टिका लगने से उनके शिशु को कई संक्रमण से बचाता है। टीकाकरण के दौरान खास एहतियात बरती जाएगी। इस अभियान के दौरान स्कूलों में कैम्प लगाकर बच्चों का टीकाकरण किया जाना है। यह टीका गर्भवती माताओं और नवजात से पंद्रह वर्ष के बच्चों को दिया जाएगा।
अभियान की मॉनिटरिंग के लिए बनाए गएं 497 सेंटर
इस मौके पर राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. वीणा सिन्हा ने बताया कि कुछ महीने पहले पलामू जिले के पाटन में टीकाकरण अभियान के दौरान कुछ अप्रिय घटना हुई थी, इसकी पुनरावृति न हो, इसके लिए कड़े एहतियाती कदम उठाए हैं। राज्य भर में अभियान की मॉनिटरिंग के लिए 497 सेंटर बनाए हैं। उन्होंने बताया कि यह अभियान पांच सप्ताह तक चलेगा। पहले दो सप्ताह स्कूलों में अभियान फिर दो सप्ताह आंगनबाड़ी केंद्रों में अभियान चलाया जाएगा और पांचवें सप्ताह में छूटे नौ माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को टीका लगाया जाएगा।