लातेहार जिले के छिपादोहर का रहने वाला जीतन करीब दस वर्षां तक नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी में सक्रिय रहा। इस दौरान उसके खिलाफ मुठभेड़, रेलवे ट्रैक को ध्वस्त करने के कई मामले दर्ज किये गए। बाद में वह माओवादी संगठन से अलग होकर झारखंड जनमुक्ति परिषद में शामिल हो गया।
जीतन के परिजनों ने उसे समझाया और बाद में परिजनों ने पुलिस से संपर्क स्थापित किया। जिसके बाद जीतन आत्मसमर्पण करने को तैयार हो गया। उन्होंने नक्सली संगठन में शामिल अन्य सदस्यों से भी अपील की है कि वे हथियार का रास्ता छोड़ कर मुख्य धारा में शामिल हों। पुलिस की ओर कहा गया है कि उसके खिलाफ दर्ज विभिन्न आपराधिक मुकदमों का निष्पादन फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की अनुशंसा की जाएगी। आत्मसमर्पण के मौके पर लातेहार के तमाम पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा जीतन की पत्नी सविता देवी, पुत्र आशीष कुमार और पुत्री अंशु कुमारी भी उपस्थित थी।
गौरतलब है कि ऑपरेशन नई दिशा के तहत राज्यभर के विभिन्न जिलों में हार्डकोर नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किये जाने का सिलसिला लगातार जारी है। आत्समर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार द्वारा निर्धारित पुनर्वास नीति के तहत उन्हें कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है। इसके अलावा उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व रहने की भी व्यवस्था की जाती है।