भाजपा ने राज्य की 14 लोकसभा सीट में से 13 सीट पर भाग्य आजमाने का निर्णय लिया है और इन सीटों के लिए पार्टी के पास उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त है। वर्ष 2014 में भाजपा ने 14 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इनमें से एक सीट भाजपा ने अपने सहयोगी द आजसू पार्टी के लिए छोड़ दी है। बताया गया है कि हर एक सीट पर 3 से 5 दावेदारों की दावेदारी ने रांची से लेकर दिल्ली तक बैठे नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस बार टिकट वितरण में सामाजिक, राजनीतिक और जातीय समीकरण के तालमेल बैठने की कोशिश की जा रही है। भाजपा चुनावी मैदान में हर जाति और वर्ग को साधने में लगी है, ताकि बीजेपी सबका साथ-सबका विकास के नारे को धरातल पर उतार सके। राजनीतिक गलियारों में सीटिंग सांसदों के टिकट कटने और नहीं कटने के बीच भी सामाजिक संतुलन बनाने पर खासा ध्यान रखा जा रहा है ।