कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी को इस बात का डर है कि झारखण्ड में लागू सीएनटी-एसपीटी एक्ट को भी भाजपा सरकार आने वाले समय में खत्म कर देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में भय का माहौल तैयार कर पूंजी पतियों को लाभ पहुॅंचाने के लिए इस तरह के एक्ट को हटाने का काम रही है। कांग्रेस पार्टी ऐसे किसी भी जनविरोधी कृत्य को रोकने का प्रयास करती आई है और करती रहेगी।
इधर, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार संघीय ढांचे की अनदेखी कर रही है। उन्होंने बताया कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर पर फैसला कहीं न कहीं राजनीतिक एजेंडे के तहत लिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी यह मानती है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और रहेगा। हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार संघीय ढांचे की अनदेखी कर रही है, देश संविधान से चलेगा या गुंडागर्दी से। उन्होंने कहा कि यदि उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले को खारिज कर दिया, तब क्या होगा।
गौरतलब है कि झारखंड संतालपरगना प्रमंडल के छह जिलों में संतालपरगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी) लागू है, वहीं राज्य के शेष 18 जिलों में सीएनटी प्रभावी है। इस कानून के तहत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य वर्गों की जमीन को गैर एसटी-एससी के लोग नहीं खरीद सकते है। हालांकि एसटी और एससी में शामिल जातियां अपने थाना क्षेत्र में संबंधित जातियों की जमीन की खरीद-बिक्री कर सकती है।