पूरी जांच प्रक्रिया की हुई वीडियोग्राफी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के गाइडलाइंस के अनुरूप पूरी जांच की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई गई है। दंडाधिकारी और पुलिस अधीक्षक खुद घटना की जांच कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों अपराधी लूट और डकैती में पहले से संलिप्त थे। पाकुड़ सहित दुमका जिले में लूट और डकैती कांड में वह जेल जा चुका था। फिलवक्त थाना प्रभारी सत्येंद्र नारायण सिंह से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की गई है। जांच के बाद जो भी दोषी होंगे, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आशीष की नहीं थी मानसिक स्थिति ठीक
इधर, आशीष टुडू की पत्नी ललिता मरांडी ने कहा कि उसका पति साल भर पहले भी जेल गया था। उसकी इन दिनों मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी।
अन्त भला नहीं होता
अपराध का अन्त बुरा ही होता है। जब कोई इंसान अपराध जगत में उतरता है, तो फिर उसका अन्त भला नहीं होता है। हालांकि आशीष आत्महत्या के इस मामले में पुलिस इस जांच में जुटी है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही कि अपराधी को पुलिस क्वार्टर में ही यह कदम उठाना पड़ा।