मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की रतलाम इकाइ के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप मिश्रा और सचिव डॉ. अनिल मीणा ने बताया मांगों को लेकर पूर्व में भी चेतावनी दी जा चुकी है किंतु सरकार ने मांगे मानने के लिए समय मांगा था। यह समय भी अब पूरा हो चुका है किंतु सरकार मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है। इससे एसोसिएशन को फिर से आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। पहला चरण 11 सितंबर से शुरू होगा जिसमें मेडिकल कॉलेज का कोई भी डॉक्टर सुबह 11 से दोपहर एक बजे दो घंटे तक कोई काम नहीं करेगा। ड्यूटी पर रहेंगे किंतु असहयोग करेंगे। इस दौरान इमरजेंसी में आने वाले मामलों में डॉक्टर सेवाएं देंगे।
ये हैं इनकी मांगे
– चिकित्सा शिक्षकों को 1 जुनवरी 2016 से सातवां वेतनमान और भत्ते दिया जाए
– चिकित्सा शिक्षकों को 1 जनवरी 2016 से विभागीय समयबद्ध क्रमिक उच्चतर वेतनमान प्रदान किया जाए
– पूर्व की 13 सूत्रीय विभागीय विसंगतियों का त्वरित रूप से निराकरण किया जाए।
ये है तीन चरण का आंदोलन
– चिकित्सा शिक्षकों को 1 जुनवरी 2016 से सातवां वेतनमान और भत्ते दिया जाए
– चिकित्सा शिक्षकों को 1 जनवरी 2016 से विभागीय समयबद्ध क्रमिक उच्चतर वेतनमान प्रदान किया जाए
– पूर्व की 13 सूत्रीय विभागीय विसंगतियों का त्वरित रूप से निराकरण किया जाए।
ये है तीन चरण का आंदोलन
– पहले चरण में 11 सितंबर को सामूहिक रूप से मेडिकल कॉलेज में दो घंटे तक धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान कोई भी मेडिकल कॉलेज का चिकित्सक ड्यूटी नहीं करेगा। इमरजेंसी सेवा के समय ही उपलब्ध रहेगा।
– १७ सितंबर को दूसरे चरण में प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सक भोपाल में इकबाल मैदान से मुख्यमंत्री आवास तक सामूहिक रैली निकालेंगे।
– आंदोलन के अंतिम चरण में 29 सितंबर तक मांगे नहीं मानी जाती है तो 30 सितंबर को प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा शिक्षक सामूहिक रूप से सरकार को इस्तीफे सौंपेंगे।
– १७ सितंबर को दूसरे चरण में प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सक भोपाल में इकबाल मैदान से मुख्यमंत्री आवास तक सामूहिक रैली निकालेंगे।
– आंदोलन के अंतिम चरण में 29 सितंबर तक मांगे नहीं मानी जाती है तो 30 सितंबर को प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा शिक्षक सामूहिक रूप से सरकार को इस्तीफे सौंपेंगे।