सॢकल जेल में 11 जनवरी को मंदसौर के एनडीपीएस एक्ट का एक आरोपी कोर्ट के आदेश से दाखिल करवाया गया था। बंदी को दाखिल करने से पहले उसकी कोरोना जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट पाजीटिव आने पर गुरुवार को बंदी को डॉक्टर को दिखाया गया तो डॉक्टर ने बंदी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर दिया है। जेल में बंद रहने के दौरान एक बंदी उसके संपर्क में आया था।
सरकार ने मुलाकात पर लगाई रोक
कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए प्रदेश सरकार ने जेल में बंद कैदियों की मुलाकात पर 31 मार्च तक पाबंदी लगा दी है। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रेस कांफे्रंस के जरिये इस बात का ऐलान किया है। हालांकि सॢकल जेल में शाम तक इस संबंध में कोई अधिकृत आदेश नहीं पहुंचा है। इस वजह से गुरुवार को नियमित रूप से जेल बंदियों की उनके परिजनों से मुलाकात करवाई गई।
मेडिकल कॉलेज में कोरोना पीडि़त जेल बंदियों के लिए अलग से जी ब्लाक में रखने की व्यवस्था की गई थी। इससे जेल के अन्य बंदियों में कोरोना संक्रमण फैलने से रोका गया था। इस बार फिलहाल यह व्यवस्था शुरू नहीं हुई है। जेलर वीपी प्रसाद ने कहा कि जेल में कोरोना पाजीटिव मरीज आने के बाद यह व्यवस्था फिर से शुरू होती है तो संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी।
फैक्ट फाइल
जेल की क्षमता – 380 कैदी
इस समय कैदी – 628
महिला बंदी – 26
पुरुष बंदी – 602
सजायाफ्ता – 94
विचाराधीन – 534
एक बंदी मिला पाजीटिव
एक बंदी जो 11 जनवरी को दाखिल कराया गया था उसकी रिपोर्ट पाजीटिव आई है। अस्पताल में दिखाने पर डॉक्टर ने उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवा दिया है। हमारे पास क्षमता से काफी ज्यादा बंदी इस समय मौजूद है। मेडिकल कॉलेज में पूर्व में जिस तरह जेल बंदियों के लिए अलग वार्ड था वह व्यवस्था फिर से शुरू हो तो बेहतर होगा।
वीबी प्रसाद, जेलर, जिला जेल, रतलाम