scriptफ़सल में कीड़ा लगने के बाद जागे कृषि अधिकारी | Agricultural officers woke up after the worm in the crop | Patrika News
रतलाम

फ़सल में कीड़ा लगने के बाद जागे कृषि अधिकारी

अब खेत में पहुंचकर दे रहे फसल बचाने की सलाह

रतलामAug 01, 2021 / 08:12 pm

Ashish Pathak

Agriculture officer

Agriculture officer

रतलाम. पहले कम बारिश व अब लगातार बारिश के बाद गांव में उपज में कीड़े पडऩे लग गए है। इसकी सूचना होने के बाद कृषि अधिकारी जागे है व गांव गांव जाकर उपज को बचाने के तरीके की सलाह दे रहे है।
जिले में गठित डायग्नोस्टिक टीम के सदस्यों ने रविवार को जावरा व आलोट में पहुंचकर किसानों से बात की है। इन सदस्यों में जिले की कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक सर्वेश त्रिपाठी, जिले के उप संचालक कृषि ज्ञान सिंह मोहनिया, परियोजना संचालक आत्मा निर्भय सिंह नरगेश, सहायक संचालक कृषि वास्के, विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी बीएस चंद्रावत, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संयुक्त रुप से ग्राम बरखेड़ी, बड़ावदा, गुर्जरबरडिय़ा, खजुरिया, ताल, कराडिया, सोनचिड़ी आदि गांव में पहुंचे।
विधायक भी रहे साथ में
ग्राम सोनचिड़ी के भ्रमण के दौरान क्षेत्रीय विधायक मनोज चावला भी मौके पर उपस्थित रहकर सोयाबीन खेतो का भ्रमण कर सोयाबीन फसलों का मौके पर वैज्ञानिक के साथ निरीक्षण किया गया। जिसमें कुछ-कुछ क्षेत्र में सोयाबीन खेत में फसल में एंथ्रेक्नोज बीमारी, स्टेम फलाय एवं पीला मोजे की शिकायत देखी गई है। दल के सदस्यों के अनुसार यह अभी प्रारंभिक अवस्था में है। खेतों में घेरे में फसल पीलापन लिए हुए लक्षण दिखाई दे रहे हैं। किसान से अपील की है कि उक्त एंथ्रेक्नोज बीमारी के नियंत्रण के लिए निम्न दबाव में से किसी एक पौध संरक्षण दवा का उपयोग कर सकते हैं। फफूंद नाशक दवा हेक्जाकोनाजोल 5त्नकी 800 मिली दवा को 25 मिली दवा प्रति 15 लीटर पानी की टंकी में या टेबुकोनाजोल की 625 मिली लीटर दवा 20 मिली लीटर दवा 15 लीटर पानी वाली टंकी मे घोल बनाकर छिड़काव करें जिससे एंथ्रेक्नोज बीमारी की प्रारंभिक अवस्था में रोकथाम की का सकती है उक्त दवा को 7 दिन बाद पुन: दोहराए।
उपज में कीड़ा लगने के बाद जागे कृषि अधिकारी
IMAGE CREDIT: patrika
यह भी करने को कहा
एंथ्रेक्नोज बीमारी के साथ-साथ फसल में स्टेम फ्लाय का भी आंशिक प्रकोप देखा गया है उक्त कीट के नियंत्रण हेतु थायोमिथोकजाम 12.60+लेंबडा सायहेलोथ्रीन 9.50 प्रतिशत के मिश्रण को 4 मिली दवा की मात्रा प्रति 15 लीटर पंप वाली टंकी म घोल बनाकर छिड़काव करे आवश्यकता पडऩे पर 10 से 12 दिनों के बाद दूसरा छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा जावरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक से भी संपर्क कर सलाह ले सकते हैं। इसके साथ ही जिला स्तर पर बनाया गया यूट्यूब चैनल आधुनिक खेती की ओर रतलाम पर भी किसान भाई वीडियो देखकर वैज्ञानिक सलाह अपना सकते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो