बडऩगर में जिस परिवार में इस बीमारी से आठ लोगों के मरने की बात सामने आई है उसकी जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उसके अनुसार चार की कोरोना पाजिटिव होने से मौत हुई है जबकि चार की मौत पर संशय है। संशय इसलिए कि उनमें से दो की कोई जांच नहीं हुई थी और दो की जांच में रिपोर्ट निगेटिव आई थी। जांचकर्ता असोसिएट प्रोफेसर डॉ. ध्रुवेंद्र पांडेय और डॉ. लोकेंद्रसिंह कोट का कहना है कि चार दिन की जांच में हर उस संभावित बिंदु पर गहनता से पीडि़त परिवारों और प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा की गई।
बडऩगर में कोरोना संक्रमण के फैलने के कारणों की जांच करने गई टीम के सामने एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया कि इसकी शुरुआत इंदौर से आए बडऩगर के एक युवक से हुई थी। वह संदिग्ध था जिसका लीवर फेल था और वह यहीं का रहने वाला था। इसके बाद उसके शवयात्रा में आने वाले, घर पर होने वाली बैठक में शामिल होने वाले, नाई व आसपास के लोग जो हर दिन इस परिवार से संपर्क में रहते थे। वहां कोरोना फैलता गया। ऐसा करते हुए शुरुआत के युवक के परिवार के आसपास के छह परिवार प्रभावित हो गए।
जांच में सामने आया कि बडऩगर में कोरोना से चार लोगों की मौत हुई है। इनमें से एक युवक जो शुरुआत में आया था। इसके बाद तीन और पाजिटिव आने से उनकी मौत हुई और वे भी 60 साल से ऊपर के हैं। चार अन्य की मौत का खुलासा नहीं किया गया क्योंकि उनमें से दो की जांच नहीं हो की जा सकी थी। एक की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। चौथे की इंदौर में मौत हुई जिसे बडऩगर में काउंट नहीं किया गया। एक को छोड़कर सभी की उम्र 60 या इससे अधिक थी और लगभग सभी पहले से बीमार अवस्था में बिस्तर पर थे।
– बडऩगर में प्रशासन और पुलिस की कोरोना को लेकर बरती जाने वाली सावधानी, की गई व्यवस्था और लोगों को जागरुक करना। अधिकारियों द्वारा इसे कितना गंभीरता से लिया गया।
– हेल्थ वर्र्किंग टीम की कार्यप्रणाली, स्क्रीनिंग और टीम के सदस्यों की संख्या और कहां-कहां उन्हें ड्यूटी पर लगाया गया। टीम लीडर और अधिनस्थ किस तरह के निर्देशों पर कार्य कर रहे।
– प्रभावित क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया बनाया जाना, एरिया का क्षेत्रफल, मानकों के अनुसार है या नहीं, छोटा या बड़ा और उसमें मोबिलिटी का प्रतिबंधित होना या नहीं होना।
– मरने वाले के यहां बैठने जाना, लगातार मिलते रहना और संपर्क में रहना।
– घर के बाहर बैठने की व्यवस्था जिससे लोग एक-दूसरे से लगातार संपर्क में रहे।
– कंटेनमेंट एरिया का छोटा होना और उसमें लगातार मोबिलिटी का चलते रहना।
– शुरुआती केस आने पर जांच या इलाज की सुविधा नहीं होना और गंभीरता से नहीं लेना।
– जिस परिवार में पाजिटिव केस आया था यह बीमारी आसपास के परिवारों में ही फैली जो क्लोज रूप से जुड़े थे।
कुल अब तक केस – 74
प्रभावित परिवार – 06
मौत का आंकड़ा – 04
संदिग्ध माना गया – 04
मरने वालों की आयु – 60 से ऊपर (एक को छोड़कर)
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रिपोर्ट शासन को भेज दी गई
बडऩगर में कोरोना के फैलने के कारणों की जांच के लिए मेडिकल कॉलेज से दो डॉक्टरों की टीम ने चार दिन तक जांच की। जांच रिपोर्ट मिल गई है और इसे हमने शासन को भेज दिया है। खास बात यह है कि यह कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं होकर एक परिवार से दूसरे परिवार में फैला है। मरने वालों में लगभग सभी की आयु 60 साल से ज्यादा की रही है और वे पहले से बीमार थे जिससे उनमें इंफेक्शन तेजी से हुआ।
डॉ. संजय दीक्षित, डीन, मेडिकल कॉलेज, रतलाम