scriptबैंक लाएगा आपके बच्चों के चेहरे पर मुस्कान | Bank will bring smiles on your childrens face | Patrika News
रतलाम

बैंक लाएगा आपके बच्चों के चेहरे पर मुस्कान

पत्रिका के हमदर्द अभियान से प्रेरित होकर शहर की युवतियों ने उठाया कदम, गरीब परिवार के बच्चे नहीं रहेंगे खिलौने से वंचित

रतलामDec 21, 2017 / 11:18 am

harinath dwivedi

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रतलाम। बच्चा चाहे अमीर हो या गरीब का। उसका बचपन खिलौनों से ही खुश होता है, मुस्कराता है। खासकर गरीब परिवार के बच्चे खिलौनों के लिए तरसते हैं। वे ऐसे खिलौने नहीं खरीद पाते हैं जो बाजार में मिलते हैं। गरीब परिवार के बच्चों का बचपन मिट्टी में खेलकर, मजदूर वर्ग के बच्चे रेत के ढेर पर बैठकर ही गुजरता हैं। इन्हीं बच्चों को खिलौने पहुंचाने के लिए शहर की पांच युवतियों ने पत्रिका के हमदर्द अभियान से प्रेरित होकर खिलौना बैंक तैयार किया है। रिसर्च स्कॉलर सुनीता जैन बताती है कि वे अकसर गरीब परिवार के बच्चों को बिना खिलौने के ही खेलते देखती तो सोचती कि क्या किया जाए। पत्रिका के हमदर्द अभियान में गरीबों के लिए वस्त्र एकत्रित करने का देखा तो बच्चों के लिए खिलौना बैंक बनाने का विचार मन में कौंध गया और इसे अब शुरू कर दिया।
इनके विचार की ये हैं साझीदार

रिसर्च स्कॉलर सुनीता जैन कॉलेज में अतिथि विद्वान हैं और रिसर्च स्कॉल के रूप में अकसर कहीं न कहीं आने-जाने का कार्य पड़ता ही है। इस दौरान उन्होंने गरीब बच्चों को ईंटों, रेत से खेलते देखा है। बच्चों को ऐसे खेलते देख खिलौना बैंक के अपने विचार को उन्होंने सहेली दीपाली आप्टे से साझा किया। उन्होंने अपनी दूसरी महिला मित्रों को इससे जोड़कर अभियान के रूप में तैयार करने की बात रखी। इस पर सरोज गुप्ता, शोभा राव और जागृति फटागढ़े को जोड़ा और कुछ दिन पहले ही इस बैंक को शुरू कर दिया।
यह है इनकी योजना

खिलौना बैंक में ऐसे लोगों या बच्चों से खिलौने एकत्रित किए जाएंगे जो इनका उपयोग नहीं करते हैं। उन परिवारों से भी ये खिलौने लिए जाएंगे जिनके यहां खिलौने तो हैं लेकिन बच्चे बढ़े हो गए। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति अपने यहां के अनुपयोगी खिलौने इस बैंक में जमा करवा सकते हैं। जिसके पास अतिरिक्त खिलौने हैं वे सरोज गुप्ता के वरदान नगर रामदास गुरुद्वारे के सामने स्थित मकान में बनाए गए केंद्र पर जमा करवा सकते हैं। जैन बताती है कि इस खिलौना बैंक से जुडऩे वाली सभी सामान्य परिवार की युवतियां है।
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बच्चों में नैतिकता का विकास होगा

खिलौना बैंक बनाने से हमारा उ²ेश्य गरीब परिवार के बच्चे को भी खिलौने से खेलने का हक मिले। हम जिन लोगों से ये लेंगे उनमें भी त्याग की भावना आएगी। जैसे पत्रिका के हमदर्द अभियान में लोग बढ़चढ़कर वस्त्र दान कर रहे हैं वैसे ही खिलौने भी दान देवें तो आम जनता और बच्चों में नैतिकता का विकास होगा। यही हमारा उ²ेश्य भी है।
सुनीता जैन, रिसर्च स्कॉलर और खिलौना बैंक की फाउंडर

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