रेलवे ने 16 नवंबर को शिवशंकर कॉलोनी में अतिक्रमण हटाने की शुरुआत की। लक्ष्य लिया गया था कि कुल 130 आवास है जिनको हटाना है। लेकिन जैसे – जैसे अतिक्रमण हटाते गए, वैसे – वैसे आवा सामने आते गए। स्वयं रेलवे अधिकारी इस बात से चौक गए की उनके द्वारा पूर्व में की गई गणना के बाद नए आवास का निर्माण कब व कैसे हो गया। रेलवे ने यहां तीन दिन तक अभियान चलाया। बीच – बीच में आने वाले सरकारी अवकाश के दिनों में अवैध आवास तोडऩे की कार्रवाई रोकी गई। रेलवे पटरी के किनारे करीब १६ हजार वर्गफीट व इसके अलावा कुल मिलाकर 24 हजार वर्गफीट भूमि से रेलवे ने तीन दिन की कार्रवाई में अवैध आवासों को तोड़ा है।
बड़ी बात यह है 50 वर्ष पूर्व के इन अवैध निर्माण में कुल 27 बार नोटिस जारी किए गए। हर बार नोटिस के बाद कार्रवाई नहीं हो पाई। इसी वर्ष दो बार तो रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग आरपीएफ का बल लेकर भी पहुंच गया, लेकिन अन्य संसाधन के अभाव में अतिक्रमण तोड़े बगैर ही दल वापस आ गया।
फैक्ट फाइल
कार्रवाई शुरू हुई – 16 नवंबर से
कार्रवाई समाप्त हुई – 23 नवंबर
प्रतिदिन चली – सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक
कुल कर्मचारी लगे – 250 से अधिक
इनके लगे कर्मचारी – रेलवे इंजीनियरिंग, जीआरपी, आरपीएफ व जिला प्रशासन
कुल भूमि मुक्त करवाई – 24 हजार वर्गफीट
पटरी किनारे की मुक्त करवाई – 16 हजार वर्गफीट
कुल अतिक्रमण तोड़े – 150 आवास
कार्रवाई शुरू हुई – 16 नवंबर से
कार्रवाई समाप्त हुई – 23 नवंबर
प्रतिदिन चली – सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक
कुल कर्मचारी लगे – 250 से अधिक
इनके लगे कर्मचारी – रेलवे इंजीनियरिंग, जीआरपी, आरपीएफ व जिला प्रशासन
कुल भूमि मुक्त करवाई – 24 हजार वर्गफीट
पटरी किनारे की मुक्त करवाई – 16 हजार वर्गफीट
कुल अतिक्रमण तोड़े – 150 आवास
सिर्फ रतलाम ही नहीं, मंडल में जहां – जहां रेल भूमि पर अतिक्रमण है, उन सभी स्थान से अवैध निर्माण को तोड़कर मुक्त करवाया जाएगा। इसके लिए कार्रवाई प्रचलित है।
– विनीत गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक