किसान कमलसिंह घटवास ने बताया कि मैं सुबह 5 बजे का आया हूं और 195 नंबर ट्राली है, जो नीलाम नहीं हुई। भाड़े के वाहन में सोयाबीन भरकर लाया, जिसकी भरपाई कर घाटा सहन करना पड़ेगा। रबि सीजन में काम का समय और मंडी में गुजारना पड़ेगी। सुबह पंजीयन में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। गोवर्धनलाल पाटीदार ने बताया कि भरी दोपहरी में लाइन में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं, मंडी प्रशासन द्वारा ना तो टेंट की व्यवस्था की गई और ना ही पंजीयन की व्यवस्था सुधारी जा रही है। पंजीयन के बाद शाम तक ट्राली का नंबर नहीं आया और नीलामी बंद कर दी गई, किसान खासे परेशान हो रहे हैं। करमदी के कृषक राजेश पुरोहित ने बताया कि मैं सुबह से मक्का लेकर आया दोपहर बाद मेरा नंबर आया। मंडी प्रशासन व्यवस्था नहीं कर पा रहा है और किसान परेशान हो रहा है। कई वाहन शाम तक नीलाम नहीं हुए।
सोमवार को भी कुछ व्यापारियों द्वारा नीलामी के बाद गेहूं, सोयाबीन बाहर तुलवाने के लिए पहुंचाए। जिन्हे सख्ती से सुरक्षाकर्मियों ने रोककर पुन: अंदर तुलवाने की हिदायत दी। इस मध्य शिवगढ़ का एक वाहन चालक ने गेहूं की पीकअप बाहर तौलकांटे पर ले जाने के लिए सुरक्षाकर्मी से जमकर बहस की। अंतत: उसके वाहन को अंदर तौल के लिए पहुंचाया। मंडी सचिव ने बताया कि तौल के लिए बाहर ले जा रहा था, उसे चेतावनी देकर अंदर ही तुलवाया।