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रतलाम

ये हैं जावरा क्षेत्र के भाजपा और कांग्रेस के दावेदार, जानियें इनके दावे और प्राथमिकताएं

ये हैं जावरा क्षेत्र के भाजपा और कांग्रेस के दावेदार, जानियें इनके दावे और प्राथमिकताएं

रतलामOct 14, 2018 / 09:30 pm

harinath dwivedi

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ये हैं जावरा क्षेत्र के भाजपा और कांग्रेस के दावेदार, जानियें इनके दावे और प्राथमिकताएं

रतलाम। पत्रिका के चेंजमेकर और पार्टियों के दावेदार विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जावरा विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के टिकट से चुनाव लडऩे वालों की लंबी फेहरिस्त तैयार है। दोनों ही दलों में दावेदारों की यह सूची आम जनता की नजर में भी है और आलाकमान तक भी पहुंच चुकी है। हर एक दावेदार अपने को दूसरे से श्रेष्ठ बता रहा है। खासबात यह है कि सारे दावेदार विधानसभा क्षेत्र के संपूर्ण विकास की बात कह रहा है। ज्यादातर ने इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना, तालाबों का निर्माण, बेरोजगारी मिटाने के लिए लघु उद्योगों की स्थापना जैसी प्राथमिकता तय की है। इन दावेदारों से पत्रिका ने प्राथमिकता जानी तो इन्होंने अपनी प्राथमिकता कुछ इस तरह बताई।
ये है पत्रिका के चेंजमेकर

बलवंतसिंह चंद्रावत

राजनीतिक दलों से जुड़े जनप्रतिनिधियों का एक ही लक्ष्य होता है कि वह चुनाव जीते और बाद में क्षेत्र की जनता को अपने हाल पर छोड़ दें। क्षेत्र का समुचित विकास हो और लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार से जोडऩा ही प्रमुखता होना चाहिए। बड़े-बड़े तालाबों और नदियों पर बांध या स्टॉप डेम का निर्माण करके किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना सबसे पहली जरुरत है क्योंकि पूरा क्षेत्र कृषि प्रधान है और जब तक किसान मजबूत नहीं होगा क्षेत्र की उन्नति नहीं होगी। किसानों को उनकी उपज का सही समय पर उचित दाम मिले यह प्राथमिकता है। जहां तक शहरी क्षेत्र के विकास की बात है तो बेरोजगारी बढ़ रही है। इससे निपटने के लिए लघु उद्योगों को स्थापित किया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके।
भाजपा की तफ से दावेदार

डॉ. राजेंद्र पांडेय

जावरा विधानसभा के वर्तमान विधायक डॉ. राजेंद्र पांडेय फिर से इस सीट से पार्टी की तरफ से सशक्त दावेदार हैं। डॉ. पांडेय का मानना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्षेत्र के समुचित विकास के लिए काफी काम किया है। बावजूद इसके अभी और काम करना बाकी है। उनका पहला लक्ष्य है कि छोटे-बड़े तालाब बनवाकर कृषि का सिंचित रकबा बढ़ाना है। शुगर मिल में बनने वाले फुड पार्क की तरह लघु उद्योगों की स्थापना करके ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा करना है। साथ ही सुखेड़ा मंडी को विकसित करना, एक और बायपास स्वीकृत करवाकर शहर से भारी यातायात को बाहर करना, शेष बचे सड़क, पुलियाओं के काम पूरे करवाना है। महिला अस्पताल को जल्द शुरू करवाना है जिससे महिलाओं को सुविधा मिल सके। उनके लक्ष्य में इनडोर स्टेडियम, शिक्षण संस्थाओं को उन्नत करना और कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना करना पहला लक्ष्य है।
भेरुलाल पाटीदार

जावरा विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्र में सबसे पहली जरुरत सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। क्षेत्र में नदियों के माध्यम से बरसात का पानी बहकर चला जाता है जिसे रोककर इस पानी को सिंचाई के लिए संग्रहित करना पहली प्राथमिकता है। इसके लिए सभी जरुरी जगहों पर स्टॉपडेम और बड़े तालाबों का निर्माण कराना है। सिंचाई के साधन और कृषि रकबा बढ़ेगा तो निश्चित रूप से किसानों की आय भी बढ़ेगी। साथ ही किसानों की सबसे बड़ी समस्या घोड़ा रोज है जो किसान के मुंह में आया निवाला छीन लेता है। उस पर अंकुश लगाकर पूरी तरह से मुक्ति दिलाना है। गांवों में प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को 100 फीसदी रूप में लागू करना हमारा लक्ष्य है। गांव पूरी तरह स्वच्छ होंगे तो अस्पतालों की जरुरत वैसे भी कम हो जाएगी।
अनिल दसेड़ा

जावरा विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने के दौरान ही प्रदेश की स्मार्ट विधानसभा के रूप में विकसित करने की प्राथमिकता है जिसमें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सुगम यातायात की सुविधा होने के साथ ही गांवों में भी मूलभूत सुविधाए मुहैया कराना है। जिले की तर्ज पर छोटे-छोटे उद्योगों को प्राथमिकता देंगे जिससे रोजगार के ज्यादा अवसर निर्मित होंगे। शिक्षा के क्षेत्र मे डिजीटल पढ़ाई, कन्या शिक्षा प्रोत्साहन, सिंचाई के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराना ही लक्ष्य है। जावरा को वर्षों पहले मिले पॉलीटेक्नीक कॉलेज को इंजीनियरिंग कॉलेज तक ले जाने का भी लक्ष्य तय किया गया है। महिला सशक्तिकरण को असल में धरातल पर उतारा जाएगा क्योंकि महिलाओं की सुरक्षा समाज और देश के लिए जरुरी है। जावरा के शुगर मिल की जमीन पर कृषि आधाािरत उद्योगों की स्थापना की जाएगी ताकि क्षेत्र के कृषि उत्पादक किसानों की उपज को बाहर भेजने की बजाय यीं पर खपत की जा सके।
श्याम बिहारी पटेल

रा पहली प्राथमिकता गांवों में और शहरों में फैल रही बेरोजगारी को दूर करने के लिए रोजगार सृजन करना है। इसके लिए चाहे उद्योग लगाए जाएं या फिर दूसरे साधनों को उपलब्ध कराया जाए जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके और उनकी आजीविका सही ढंग से चल सके।बालिका शिक्षा को बढावा देना और उन्हें हायर एजुकेशन दिलाना लक्ष्य है। जावरा में इस समय पॉलीटेक्नीक कॉलेज चल रहा है जिसे इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में स्थापित करवाना है। इसके अलावा मंडी में जो अव्यवस्था है और उससे किसानों को जो समस्याएं पैदा हो रही है उसका त्वरित निराकरण करना हमारे लक्ष्य में शामिल हैं। इसके अलावा जावरा शहर की इस समय जो बड़ी समस्या सामने आई है वह है व्यापारियों का पलायन। यह ऐसी समस्या है जिससे यहां का व्यापार चौपट हो सकता है।
प्रकाश मेहरा

जावरा क्षेत्र में उज्जैन संभाग की सबसे ज्यादा लहसुन की पैदावार होती है। किसानों को सीजन में लहसुन के सही दाम नहीं मिलने से उन्हें अपनी उपज औने पौने दामों में बेचना पड़ती है। हमारा लक्ष्य है कि शुगर मिल की जो जमीन पड़ी है उस पर लहसुन प्रिजर्व करने के लिए स्टोरेज सेंटर तैयार किया जाए जिसमें लहसुन रखी जा सके और उचित भाव आने पर किसान इसे बेच दें। यह काम सहकारिता के माध्यम से किया जाएगा। इस कार्य से मजदूरों को भी रोजगार मिलेगा और किसानों को उचित दाम भी मिलेंगे। ग्रामीण अंचल में शिक्षा, स्वास्थ्य और पुल-पुलियाओं की हालत खराब है। शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए नए स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना और स्कूलों को खोला जाना है और पुल-पुलियाओं की स्थिति सुधरना से यातायात के सुगम साधन मिलेंगे जिससे ग्रामीणो को बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी।
ये हैं कांग्रेस की तरफ से दावेदार

केके सिंह कालूखेड़ा

पूर्व मंत्री स्व. महेंद्रसिंह कालूखेड़ा के अनुज केके सिंह कालूखेड़ा जावरा विधानसभा से कांग्रेस की तरफ से सशक्त दावेदार हैं। कालूखेड़ा का मानना है कि स्कूल शिक्षा के साथ ही उच्च शिक्षा के मामले में बहुत काम किया जाना है जो हमारी प्राथमिकता में है। एमबीए और पीजी स्तर की पढ़ाई शुरू होने से युवाओं को रोजगार मिलेगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी विधानसभा में अभी काफी कमियां हैं जिन्हें दूर करके हर एक व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार करना होगा। जलस्तर बढ़ाने के लिए हर गांव में ज्यादा से ज्यादा स्टॉप डेम बनाना लक्ष्य तय किया गया है। जावरा की कृषि उपज मंडी में किसानों को बहुत समस्याओं से जूझना पड़ता है। उन्हें उचित और समय पर दाम मिले इसके लिए व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। मंडी का और विस्तार करके इसे प्रदेश की टॉप मंडियों में अग्रणी बनाना हमारा लक्ष्य है।
डॉ. एचएस राठौर

वर्षों पहले कांग्रेस शासन में जो काम हुए थे उसके बाद पूरे क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं हुए हैं। कांग्रेस शासन काल के कार्यों को आगे बढ़ाना और उस समय जावरा के लिए स्वीकृत इंजीनियरिंग कॉलेज को यहां फिर से स्वीकृत करवा कर स्थापित कराना पहली जरुरत है। पूरा क्षेत्र कृषि और लैबर प्रधान है। किसानों और लेबर के लिए स्कील बढ़ाने के लिए ऐसा कोई प्रशिक्षण केंद्र नहीं है जिससे वे अपने आपको उन्नत कर सके। इस तरह के सेंटरों को स्थापित करना सबसे बड़ी जरुरत है। जावरा शहर की सबसे बड़ी समस्या रेलवे ओवर ब्रिज है जो वर्षों बाद आज भी नहीं बन पाया है। हमारी प्राथमिकता है कि इसे सबसे पहले बनाकर शहर की एक लाख जनता को राहत पहुंचाएं। जावरा की शान रहे शुगर मिल के बंद होने के बाद मिल की जमीन पर नए उद्योगों को स्थापित करके रोजगार के अवसर बढ़ाना प्राथमिकता है।
डीपी धाकड़

जावरा क्षेत्र का किसान सबसे ज्यादा इस समय परेशान हैं। उसे न तो उचित दाम मिल पा रहे हैं और न ही उनकी फसल की सुरक्षा हो पा रही है। पिछले कई महीनों से लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहा हूं। इससे पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और फसल के उचित दाम जैसी मूलभूत जरुरतों की भी कमी है तो बड़ी समस्याओं को समझा जा सकता है। इनकी तरफ आज तक जितने भी जनप्रतिनिधि हुए हैं उन्होंने ध्यान नहीं दिया। हमारी प्राथमिकता क्षेत्र के किसानों की आय को बढ़ाकर सक्षम बनाना है जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सके। गांवों में पीने के पानी की गंभीर समस्या रहती है। खसाकर गर्मी में तो लोगों को पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ता है। पेयजल की समस्या के स्थायी समाधान के लिए पूरे प्रयास करेंगे। गांवों में तालाबों के निर्माण से पेयजल व सिंचाई की समस्या का निदान करेंगे।
युसूफ कड़पा

जावरा शहर और विधानसभा क्षेत्र की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है। इससे निश्चित रूप से बेरोजगारी की स्थिति में भी लगातार इजाफा हो रहा है। लघु उद्योग लाकर उनमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिलाने को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे बेरोजगारी कम होगी और उद्योगों के लिए स्कील्ड युवकों को तैयार करने की दिशा में भी काम किया जाएगा। शुगर मिल को फुड जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। जावरा शहर हाईवे से लगा है और इस हाईवे की वजह से लगातार दुर्घटनाएं होती रहती है। ऐसे में जावरा अस्पताल में ही ट्रॉमा सेंटर स्थापित किया जाएगा जिससे गंभीर स्थिति में मरीजों को बाहर रैफर करने से निजात मिल जाएगी।

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