मंदसौर शहर में रहने वाले जफर शेख ने शुक्रवार को इस्लाम धर्म को छोड़ प्राचीन सनातन धर्म अपना लिया। देश के प्रसिद्ध भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में विधि-विधान के साथ महामंडलेश्वर चितम्बरानंद सरस्वती की मौजूदगी में जफर ने हिन्दू धर्म अपनाया। पहले गोमूत्र से शिवना नदी में स्नान किया फिर भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन कर पूजा की। इसके बाद देहशुद्धि से पश्चाताप पूजन करने के बाद हवन में आहुतियां दी और दो घंटे से अधिक समय तक चले शास्त्रों की विधि अनुसार धर्म परिवर्तन करते हुए जफर शेख पहचान को छोड़ अब चैतन्य सिंह राजपूत बन गए।
सनातन स्वीकार करते ही लगा शिव तिलक इस पर सांसद-विधायक सहित अन्य ने स्वागत किया। मंदिर में शिव तिलक भी लगाया तो महादेव के जयकारें भी लगाए। मंदसौर के रहने शेख जफर शेख पिता गुलाम मोइनुद्दीन शेख को अब चेतन्य सिंह राजपूत के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने भगवान पशुपतिनाथ मंदिर प्रांगण में धर्म परिवर्तन किया। 46 वर्षीय शेख को महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती द्वारा विधि-विधान से पूजन हवन कर हिन्दू धर्म की दीक्षा दी गई। इस दौरान उन्हें गोबर और गोमूत्र से स्नान भी किया।
हिन्दू महिला से की शादी सनातन के प्रति झुकाव के कारण ही हिन्दू महिला से की शादी धर्म परिवर्तन करने के बाद चैतन्य सिंह ने कहा कि उन्होंने घर वापसी की है परिवर्तन नहीं। सभी सनातनी हैं, जो इधर-उधर हो गए है। परिवार में कोई विरोध नहीं है। शुरु से सनानत के प्रति आस्था रखता आया हूं। सनातन के प्रति झुकाव के कारण ही उन्होंने हिन्दू महिला शारदा जाधव से शादी की। सनातन धर्म को मानता हूं। यदि मैं मुस्लिम लडक़ी से शादी करता तो वह मुझे पूजा-पाठ नहीं करने देती। ऐसे में उसे भी और मुझे भी परेशानी होती। इसलिए मैंने सबकुछ सोच-समझकर किया। उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज राजपूत थे इसलिए उन्होंने यह नाम चुना है।
नाम के साथ संस्कार और विचार परिवर्तन हुआ पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती ने कहा उनकी इच्छानुसार आज उन्हें नया नाम देकर उनकी घर वापसी की गई है। पूरे विधि-विधान से सभी प्रक्रिया निभाई गई है। विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा वे शुरू से ही भगवान शिव के भक्त हैं। कल तक वे जफर शेख थे, अब वे चैतन्य सिंह के नाम से जाने जाएंगे। नाम के साथ संस्कार और विचार परिवर्तन हुआ है। उन्होंने एक नई शुरुआत की है।
अलग-अलग पहुंचकर किया स्वागत महाराष्ट्र के अखिल भारतीय संत समिति अध्यक्ष और निर्वाण अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज मुंबई अपने अनुयायियों के साथ इस काम के लिए यहां पहुंचे थे। ऐसे में सुबह 11 बजे सांसद सुधीर गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष नानालाल आटोलिया यहां पहुंचे और स्वामीजी का स्वागत किया और उनसे मुलाकात कर चर्चा की। इस दौरान मुस्लिम धर्म से हिन्दू धर्म अपनाने वाले जफर शेख का भी स्वागत किया और कहा कि सनानत में आपका स्वागत है। इसके बाद संतों के शास्त्र प्रक्रिया के अनुसार प्रक्रिया शुरु हुई तो विधायक यशपालसिंह सिसौदिया भी यहां पहुंचे। एक घंटे से अधिक समय तक यहां रुके और पूजन-हवन प्रक्रिया में यही पर मौजूद रहे और जफर शेख से चेतन्यसिंह राजपूत बनने वाले का स्वागत किया इसके बाद उन्होंने भी महामंडलेश्वर का स्वागत किया।
सनातन सच है हमेशा से रही मेरी आस्था मेरी बचपन से ही सनातन के प्रति आस्था रही है। इसी कारण मेरा झुकाव रहा। मेरे घर में भी मंदिर है और पूजा-अर्चना करता हूं तो मंदिर भी जाता हूं। सनातन ही सच है। हमारे पूर्वज भी सनातनी थे। नाम के अलावा कुछ बचा नहीं था। आज नाम भी त्याग दिया। जफर शेख के नाम से मुझे पहचाना जाता था। अब मैं चेतन्यसिंह राजपूत के नाम से जाना जाऊंगा। मेरी आस्था सनातन में रही है और मैं अपना धर्म मानने के लिए स्वतंत्र हूं। ऐसे में आज हिन्दू धर्म पशुपतिनाथ और संतों को साक्षी मानकर अपनाया है। हिन्दू धर्म अपनाने के बाद वह अपने आप को पूरा महसूस कर रहे है। अब तक वह स्वयं को अधूरा मान रहे थे। अब शांति का अनुभव कर रहे है।
– चैतन्य सिंह