इस तरह किया सर्वे
पत्रिका टीम ने शहर के यूथ, सिनीयर सिटीजन, व्यापारी-किसान, आम व्यक्ति, महिला-युवतियां, प्रोफेशनल्स से अलग अलग बात की। हर वर्ग से औसत 10-10 लोग सर्वे से जोड़े गए। इनसे 5 सवाल पर जवाब पूछे व सैम्पल के आधार पर आंकड़े जुटाए गए है।
पत्रिका टीम ने शहर के यूथ, सिनीयर सिटीजन, व्यापारी-किसान, आम व्यक्ति, महिला-युवतियां, प्रोफेशनल्स से अलग अलग बात की। हर वर्ग से औसत 10-10 लोग सर्वे से जोड़े गए। इनसे 5 सवाल पर जवाब पूछे व सैम्पल के आधार पर आंकड़े जुटाए गए है।
ये पूछे गए सवाल 1- चौकीदार चोर है जुमला किसके लिए दिया गया।
2- चौकीदार चोर है जुमला किसने दिया।
3- यह जुमला किस डील के संदर्भ में सामने आया है।
4- क्या, आप मानते है चौकीदार चोर है।
5- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद क्या यह विवाद समाप्त होगा या आगे और बढ़ेगा।
2- चौकीदार चोर है जुमला किसने दिया।
3- यह जुमला किस डील के संदर्भ में सामने आया है।
4- क्या, आप मानते है चौकीदार चोर है।
5- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद क्या यह विवाद समाप्त होगा या आगे और बढ़ेगा।
इस तरह शहर ने दी राय 1- चौकीदार चोर है जुमला किसके लिए दिया गया।
जवाब- मोदी 70 प्रतिशत, पता नहीं 30 प्रतिशत।
2- चौकीदार चोर है जुमला किसने दिया।
जवाब- राहुल गांधी 64 प्रतिशत, पता नहीं 31.4 प्रतिशत, अन्य 4.2 प्रतिशत।
जवाब- मोदी 70 प्रतिशत, पता नहीं 30 प्रतिशत।
2- चौकीदार चोर है जुमला किसने दिया।
जवाब- राहुल गांधी 64 प्रतिशत, पता नहीं 31.4 प्रतिशत, अन्य 4.2 प्रतिशत।
3- यह जुमला किस डील के संदर्भ में सामने आया है।
जवाब- राफेल 61.04, पता नहीं 34.02 प्रतिशत, अन्य 4.2 प्रतिशत।
4- क्या आप मानते है चौकीदार चोर है।
जवाब- हां 24.02 प्रतिशत, नहीं 68.05 प्रतिशत, पता नहीं 07.01 प्रतिशत।
5- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद क्या यह विवाद समाप्त होगा या आगे और बढ़ेगा।
जवाब- हां 41.04 प्रतिशत, नहीं होगा 37.01 प्रतिशत, पता नहीं 21.04 प्रतिशत कैसे चर्चा में आया जुमला फ्रांस से लड़ाकू विमान राफेल की खरीदी में राहुल गांधी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। पीएम ने इसका जबाव देते हुए कहा था कि मैं इस देश का चौकीदार हूंए कहीं कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। इस पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी ने मोदी पर निशाना साधा और चौकीदार के चोर होने के आरोप लगाए। हालांकि इस डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दाखिल की गई याचिकाएं भी सुप्रीमकोर्ट ने एक दिन पूर्व खारिज कर दीं।
एक्सपर्ट व्यू
सर्वोच्च न्यायालय ने क्रय करने की प्रक्रिया को दोषपूर्ण नहीं माना है तो निश्चित ही यह सही होगा। जहां तक राष्ट्र की रक्षा का प्रश्न है तो निश्चित रूप से सेना मजबूत होना चाहिए और आधुनिक हथियार भी उन्हें मिलना ही चाहिए। कोर्ट ने माना कि कितने में क्रय किया और क्या प्रक्रिया अपनाई गई है इससे कोर्ट को कोई मतलब नहीं है। इससे साफ है कि यह गोपनीय होता है और इसके जानकार ही इस बारे में निर्णय करते हैं कि कौन से और किस गुणवत्ता के हथियार खरीदे जाना चाहिए। मेरा मानना है कि रक्षा या राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े पर इस तरह के प्रश्न नहीं आना चाहिए और न किसी को करना चाहिए, क्योंकि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। सर्वोच्च न्यायालय से यह साफ होने के बाद विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति ;जेपीसीद्ध की मांग कर रहे हैं तो सरकार को इसका गठन कर देना चाहिए, क्योंकि उसमें सत्ता और विपक्ष दोनों के सांसद होते हैं। यहां भी साफ हो जाता है कि कोई गड़बड़ी नहीं है तो निश्चित रूप से देशहित में होगा। सर्वोच्च न्यायालय से स्पष्ट होने के बाद मेरे मत से यह मामला अब खत्म हो जाना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय ने क्रय करने की प्रक्रिया को दोषपूर्ण नहीं माना है तो निश्चित ही यह सही होगा। जहां तक राष्ट्र की रक्षा का प्रश्न है तो निश्चित रूप से सेना मजबूत होना चाहिए और आधुनिक हथियार भी उन्हें मिलना ही चाहिए। कोर्ट ने माना कि कितने में क्रय किया और क्या प्रक्रिया अपनाई गई है इससे कोर्ट को कोई मतलब नहीं है। इससे साफ है कि यह गोपनीय होता है और इसके जानकार ही इस बारे में निर्णय करते हैं कि कौन से और किस गुणवत्ता के हथियार खरीदे जाना चाहिए। मेरा मानना है कि रक्षा या राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े पर इस तरह के प्रश्न नहीं आना चाहिए और न किसी को करना चाहिए, क्योंकि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। सर्वोच्च न्यायालय से यह साफ होने के बाद विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति ;जेपीसीद्ध की मांग कर रहे हैं तो सरकार को इसका गठन कर देना चाहिए, क्योंकि उसमें सत्ता और विपक्ष दोनों के सांसद होते हैं। यहां भी साफ हो जाता है कि कोई गड़बड़ी नहीं है तो निश्चित रूप से देशहित में होगा। सर्वोच्च न्यायालय से स्पष्ट होने के बाद मेरे मत से यह मामला अब खत्म हो जाना चाहिए।
– प्रो. रतन चौहान, शिक्षाविद और सेवानिवृत्त प्राध्यापक