महेश कुमार यदि को स्वास्थ्य विभाग ने चार अलग-अलग प्रकरणों में विभाग की तरफ से स्थायी नियुक्त उच्चतम न्यायालय के एडवोकेट राहुल कौशिक को ही विभाग की तरफ से सारे शासकीय दस्तावेज उपलब्ध कराने व फीस के भुगतान के लिए नियुक्त किया था। कौशिक की प्रत्येक प्रकरण में फीस आठ हजार रुपए तय थी किंतु यति ने इसके स्थान पर 25 हजार 500 रुपए प्रति केस फीस का भुगतान करने का बिल प्रस्तुत करके शासन को हानि पहुंचाई। इसमें भी वकील राहुल कौशिक ने खुद स्वीकार करते हुए कहा कि उसे आठ हजार रुपए फीस दी गई जबकि 25 हजार 500 रुपए के जो बिल लगे हैं वे उसके द्वारा नहीं दिए गए हैं।
चार प्रकरणों में 32 हजार फीस