प्रशासन के द्वारा यह कार्रवाई जावरा में भागीरथ बंसीलाल, विमल जैन चपड़ोद एग्रो एजेंसी तथा कमल चपड़ोद किसान बीज भंडार पर की गई है। दरअसल इन दुकानों पर यूरिया खाद तय कीमत से अधिक में बेचने की शिकायत मिली थी, जिस पर कलेक्टर के निर्देश पर एक दुकान पर होमगार्ड सैनिक तो दो दुकानों पर कोटवारों को किसान बनाकर खाद खरीदने के लिए दुकानों पर भेजा और इनके साथ प्रशासन का अमला भी कुछ दूरी पर मौजूद था। इनके खाद खरीदने के बाद प्रशासन के दल ने मौके पर पहुंचकर तीनों दुकानों पर छापामार कार्रवाई कर उन्हे सील कर दिया और व्यापारियों के खिलाफ पुलिस थाने पर केस दर्ज कराया है।
183.50 रुपए अधिक वसूले
– शासन द्वारा किसानों को यूरिया खाद बेचने की कीमत 266.50 रुपए प्रति बैग कीमत तय की गई है। इसके विपरित जावरा में एक व्यापारी द्वारा यूरिया खाद का बैग 350 यानी की 83.50 रुपए अधिक कीमत तो दो अन्य व्यापारियों के द्वारा ४५० रुपए कीमत पर यूरिया बेचा गया जो कि तय कीमत से 183.50 रुपए अधिक है। यानी सीधे शब्दों में कहे तो एक दुकानदार द्वारा 83 रुपए से अधिक तो दो अन्य के द्वारा 183.50 रुपए की मुनाफाखोरी की जा रही थी।
कलेक्टर ने दी चेतावनी – प्रशासन की जांच में जावरा में यूरिया की कालाबाजारी का खेल सामने आने के बाद संबंधित व्यापारियों पर कार्रवाई कराने के साथ ही कलेक्टर ने चेतावनी भी जारी की है। कलेक्टर द्वारा जिले में समस्त उर्वरक विक्रेताओं को चेतावनी दी गई है कि वे निर्धारित कीमत पर ही यूरिया तथा अन्य उर्वरकों का विक्रय किसानों को करें नहीं तो वह भी सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहे।
कौन सी फर्म कितने में बेच रही थी यूरिया भागीरथ बंसीलाल, जावरा – 350 रुपए चपड़ौद एग्रो, जावरा – 450 रुपए
किसान बीज भंडार, जावरा -450 रुपए