एईओ की परीक्षा 2013 में हुई थी। इस समय कुछ संकुल प्राचार्यों ने इसे लेकर आपत्ति भी जताई थी लेकिन यह आपत्ति बाद में खारिज हो गई थी। हैडमास्टर या फिर हायर सेकंडरी स्कूलों में पदस्थ व्याख्याताओं ने इस परीक्षा में भाग लिया था। सितंबर 2013 में परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया था। इसके बाद से यह प्रक्रिया अटकी पड़ी हुई है। पूरे प्रदेश में एक साथ हुई एईओ की परीक्षा में चार से पांच हजार व्याख्याताओं और हैडमास्टरों ने भाग लिया था।
जनशिक्षा केंद्र भी होंगे खत्म
एईओ की नियुक्ति से जहां संकुल व्यवस्था खत्म होगी वहीं जनशिक्षा केंद्र की व्यवस्था भी खत्म होने की बात सामने आ रही है। एईओ को वर्तमान संकुल केंद्रों को खत्म करके उन्हीं संकुलों में एक-एक कक्ष दिया जाकर उनके अंतर्गत आने वाले स्कूलों की मानिटरिंग सहित तमाम व्यवस्थाएं देखने का जिम्मा मिल सकता है। स्कूल प्राचार्यों का कोई नियंत्रण नहीं होगा और ये स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकेंगे जैसे संकुल व्यवस्था के पहले एडीआई करते रहे हैं।
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संकुलों की जगह एईओ की व्यवस्था लागू होने की बात सुनने में आ रही है लेकिन इस बारे में अभी किसी तरह का कोई अधिकृत पत्र या निर्देश नहीं मिले हैं। शासन जैसा निर्देश देगा उसके अनुसार व्यवस्थाएं की जाएंगी।
अमर कुमार वरधानी, प्रभारी डीईओ, रतलाम