कारूलाल व उसके भाई की पत्नी प्रेमलताबाई ने जांच अधिकारी को बताया था कि उक्त हादसे में सुशील उर्फ बाबूलाल पिता शिवलाल उर्फ जगन्नाथ धाकड़ की मृत्यु रपट पर बाइक के साथ बहने से हुई थी। मृतक के भाई व पत्नी से उनके कथनों के अनुसार जांच पूछताछ में जब बाबूलाल पिता जगन्नाथ दोनों नाम के आगे लगे उर्फ व दूसरे नाम के संबंध में दस्तावेज मांगे तो वह पेश नहीं कर सके। वहीं इप्का कंपनी से जांच के दौरान सुशील धाकड़ की मौत पर उसे राशि दिए जाने की बात बताई।
जांच अधिकारी ने पाया कि बारोड़ा निवासी सुशील पिता शिवलाल के नाम से फर्जी तरीके से काट-छाट कर इप्का से मिलने वाले रुपए के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया था। सूत्रों की माने तो जिस सुशील के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर राशि निकाली गई है, उसके दस्तावेज घुम गए थे, संभवत: वह इन्हे मिलने पर उसके नाम से बाबूलाल ने नौकरी तो पा ली, लेकिन उसकी मृत्यु होने पर कंपनी से मिलने वाले रुपयों के लिए भाई ने ये सब गड़बड़ी की थी।
जिला पंचायत ने मामले की जांच कर पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए भेजे गए जांच प्रतिवेदन में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि आर्थिक लाभ लेने के लिए यह सब किया गया था, जबकि सुशील अब भी जिंदा है। सीईओ ने एसपी से मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही है।