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रतलाम

बिना मुंडेर के कुएं बन रहे हादसों की वजह, एक की मौत

बिना मुंडेर के कुएं बन रहे हादसों की वजह, एक की मौत

रतलामOct 12, 2018 / 05:38 pm

Akram Khan

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बिना मुंडेर के कुएं बन रहे हादसों की वजह, एक की मौत

रतलाम। (सुखेड़ा) ग्राम से चार किलोमीटर दूर स्थित ग्राम सिल्याखेड़ी निवासी सुखराम पिता नंदाजी मीणा (45वर्ष) की बिना मुँडेर के कुएं में गिर गया था। इससे उसकी मौत हो गई। सुखराम की मां मैनाबाई ने बताया कि सुखराम बुधवार को सुबह 11 बजे खेत पर जाने का बोलकर गया था किन्तु देर रात तक नहीं आने पर आम्बा वाले खेत पर बना मकान पर देखने गए, तो वह वहंा पर नहीं मिला। आस पास देखने पर सुखराम के जूते समीप के भागीरथ बाबरु मीणा के बिना मुंडेर के कुएं के पास देखे गए। जिसपर कोटड़ी पुलिस चौकी पर सूचना दी गई। बुधवार रात को चौकी प्रभारी शिवसिंह दलबल सहित कुएं पर पहुंचे और ग्रामीणों के सहयोग से सुखराम को कुएं से बाहर निकालने की कोशिश की गई, किन्तु पानी गहरा होने व रात हो जाने से सफलता नहीं मिली। गुरुवार को सुबह फिर कुएं का पानी तोडऩे के साथ प्रतापगढ़ से आई गोताखोर टीम के सहयोग से सुबह 11 बजे सुखराम के शव को निकाला गया। राजस्थान के अरनोद स्वास्थ्य केन्द्र पर पीएम कर शव परिवार वाले को सुपुर्द की गई। अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं चला है। कोटडी़ पुलिस जांच कर रही है।
फसल कटने से पहले सुखेड़ा में आई भेड़
सुखेड़ा. ग्राम सहित आस पास के गांवों में किसानों की फसल सोयाबीन अभी भी खेतों में ंखड़ी है वहीं जो कट गई है वे खेतों में ही रखी हैं। परन्तु फसल कटने से पूर्व राजस्थान के मारवाडिय़ों के भेड़े लेकर आ जाने से किसान परेशान नजर आ रहे हैं, किसान राधेश्याम का कहना है कि जिस मार्ग से इन भेडिय़ों का झुंड निकलता है उस मार्ग में आने वाले खेत की फसल को नुकसान पहुंचाते हैं जबकि मारवाडी गंजाराम का कहना है की हम लोग भेड़ लेकर तभी आते हैं जब किसान अपने खेत में बैठाने के लिए बुलाते है। हमारे इन जानवर से किसी का भी नुकसान नहीं होने देते है। जिस मार्ग से यह झुंड निकलता है वह मार्ग कुछ समय के लिए जाम हो जाता है चारपहिया व दो पहिया वाहन वालों को परेशानी होती है। जब तक झुंड नहीं निकल जाता तब तक वाहन चालकों को खड़ा रहना पड़ता है।
बाड़े में घूम रहे मगरमच्छ को पकड़ा
गरोठ. समीपस्थ ग्राम खेरखेड़ा भाट में बीती रात एक ग्रामीण के मकान के पास बाड़े में घूम रहे मगर को वन विभाग की टीम ने पकड़कर चंबल में छोड़ा। जानकारी के अनुसार भगवान मीणा के घर के पीछे बाड़े में मगर होने की सूचना वन परिक्षेत्र अधिकारी गरोठ कमलेश कुमार सालवी को दूरभाष द्वारा दी गई। सूचना पर विभाग के कर्मचारी दिलीप सिंह चौहान, बीटगार्ड बरखेड़ा गंगासा, मुकेश कुमार मालवीय वनरक्षक आदि पहुंचे। ग्राम वासियो की मदद से 9 फीट लंबे मगर को 2 घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर चम्बल नदी में छोड़ा।
एनडीपीएस के फरार आरोपी को दो वर्ष की सजा
जावरा. एनडीपीएस एक्ट मामले में दस साल की सजा काट रहा एक आरोपी उप जेल जावरा से फरार हो गया था। सहायक लोक अभियोजक अजयप्रतापसिंह बुंदेला ने बताया आरोपी जुल्फिकार पिता मोहम्मद अली १4 अक्टूबर 2009 से उप जेल जावरा में दस साल की सजा काट रहा था। 18 दिसंबर 2009 दोपहर 12.55 बजे उप जेल परिसर में बगीचे में सफाई के लिए अन्य कैदियों के साथ जुल्फिकार भी कार्य कर रहा था। इस बीच वह मौका देखकर फरार हो गया। बाद में पुलिस ने उसे गिरफतार कर एनडीपीएस की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। न्यायालय में आए साक्ष्य के आधार पर धारा 324 मेंं दोषी मानते हुए न्यायायीक दंडाधिकारी निरंजनकुमार पांचाल ने दो वर्ष की सजा सुनाई।

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