पुलिस जांच के दौरान पता चला कि 17 जून को अज्ञात व्यक्ति ने हातिम अली को फोन कर 25 लाख की फिरौती मांगी थी। फिरौती नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई थी। इस मामले की सूचना फरियादी ने पुलिस को नहीं दी थी। पुलिस का मानना है कि इस तरह के धमकीभरे फोन अन्य लोगों को भी मिले होंगे। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी शाह नवाज पिता शब्बीर पठान निवासी टोडी मंदसौंर, अज्जू उर्फ अजहर पिता जहीर मीर निवासी बारी मोहल्ला प्रतापगढ़ राजस्थान मुख्य आरोपी हैं और इन्होंने ही यह पूरा षड्यंत्र रचा था। गिरफ्तार किए गए तीनों सहयोगी आरोपी असलम उर्फ असलम हड्डी पिता अहमद अली व शादाब पिता युसूफ खान दोनों निवासी जावरा तथा अरशद पिता आरिफ खान मेव निवासी खिलचीपुरा मंदसौर ने इनका सहयोग किया। जावरा के दोनों युवकों ने इन्हें अपने यहां शरण भी दी थी।
आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि गोली चलाने से पहले दोनों मुख्य आरोपियों शाहनवाज और अजहर ने हातिम अली बोहरा की दुकान की रैकी भी की थी। इसके बाद घटनावाले दिन उन तीनों को परवलिया की तरफ बुलाया गया था। वे गए तो बरसाती पहने दो युवकों से उनकी मुलाकात हुई थी। इन्होंने पिस्टल, कारतूस और एक हजार रुपए बाइक में पेट्रोल भरवाने के लिए दिए थे। फिर ये दो बाइक से सभी लोग जावरा आए थे और वारदात को अंजाम देने के बाद मुख्य आरोपी भाग निकले। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एएसपी डॉ इंद्रजीत बाकलवार और जावरा सीएसपी प्रदीपसिंह राणावत के नेतत्व में छह टीमें गठित की गई थी। टीमों ने आरोपी के घरों और ठिकानों पर दबिशें दी। इस दौरान आरोपी असलम, शादाब और अरशद को गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्य आरोपी शहनवाज और अज्जू उर्फ अजहर की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उनकी तलाश की जा रही है।