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दबंग एसपी ने बांछड़ा समाज को लेकर बोली ये बड़ी बात…पढ़े पूरी खबर

locationरतलामPublished: Feb 06, 2019 01:47:11 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

दबंग एसपी ने बांछड़ा समाज को लेकर बोली ये बड़ी बात…पढ़े पूरी खबर

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दबंग एसपी ने बांछड़ा समाज को लेकर बोली ये बड़ी बात…पढ़े पूरी खबर

रतलाम। बाछड़ा समाज पर वर्षों से ऐसा कलंक लगा हुआ है, कि वे बाछड़ा समाज से है। उन्हे आसपास के 10-12 जिले तो जानते हैं। जब हम उन लोगों से मिलते है तो वे कहते है कि हम जब रोजगार के लिए जाते हैं तो कोई हमे रोजगार देने को तैयार नहीं है। इस कारण से उन्हे जीवन यापन करने के लिए ऐसा काम करने को मजबूर होते हैं। इसके लिए उन्हे ऐसे प्लेटफार्म उपलब्ध कराने होंगे जहां से वे अपनी अलग पहचान स्थापित कर सके। इसके लिए हमने कई संस्थाओं से बात भी की है, उन्हे यहां से बाहर भेजेंगे लोग पहले से यह नहीं कहें यह बांछड़ा समाज के है या कंजर समाज से है। उन्हे वहां प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा। स्थानीय स्तर से उन्हे बाहर निकालना जरूरी है, तभी यह कुप्रथा वे छोड़ पाएंगे।

यह बात एसपी गोरव तिवारी द्वारा गरिमा यात्रा के कार्यक्रम में मंगलवार दोपहर मांटेसरी स्कूल परिसर में कही। इस मौके पर गरिमा यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक संजय डुमने आदि सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद रैली ने नगर भ्रमण करते हुए लोगों को जागरूक किया। बतां दे कि महिलाओं एवं बच्चों के साथ होने वाले यौन हिंसा की समाप्ति के लिए मुंबई से चलकर नई दिल्ली जा रही है। गरिमा यात्रा का मंगलवार को रतलाम आगे के लिए रवाना हुई। यात्रा का समापन 22 फरवरी को समाप्त होगी।
हम स्वयं को बदले दूसरो सब कुछ बदल जाएगा
परिजनों को यह देखना चाहिए कि हमारा बच्चा किस दिशा में जा रहा है क्या कर रहा है उसके फ्रेंड्स कैसे है। आज अगर केवल एक सप्ताह के लिए बच्चे से अगर आपने उसका मोबाइल अपने पास रखे और देखें की वह क्या महसूस करता है। कई बच्चे घर छोड़ कर चले जाएंगे। हम यह करते नहीं है कि क्योंकि हमारे पास खुद नैतिक बल नहीं है, क्योंकि स्वयं उसमें फंसे हुए है। इस चीज का ध्यान रखा जाएगा की हमारा बच्चा किससे बात कर रहा है क्या बात कर रहा है। समस्या का समाधान हमें स्वयं को ढुंढना होगा, इसके लिए आत्म चिंतन की बहुत जरुरत है कि हम कहां जा रहे है और हमारा समाज कहा जा रहा है। गरिमा यात्रा को हम समझे और हमारी भागीदारी सुनिश्चित करें और यह संकल्प ले की हम स्वयं के बदलेंगे, दूसरो को मत बदलों आप तो स्वयं को बदलने की बात करो। पूरा समाज बदल जाएगा और पूरा देश बदल जाएगा।
समाज में अपराध ना हो यह काम समाज का है
कानून का पालन करना काफी आसान है अगर हम चाहे तो, अगर हम चाहते है तो जनता को कानून का फायदा मिले तो हमें सभी की संवेदनशीलता को समझना पड़ेगा। समाज में अपराध ना हो यह काम समाज का है। इसलिए दूसरो को उंगली दिखाने से बेहतर है कि हम इसे गंंभीरता से ले और स्वयं को बदले। मेरे आठ साल के पुलिस कार्यकाल मेंं यह अनुभव लिया है कि लोगों में ज्ञान का भंडार है लेकिन संस्कारों की कमी होती जा रही है। बहुत अच्छे विषय को लेकर आप गरिमा यात्रा निकाल रहे हैं, यात्रा सफल है। जो समस्या हमारे सामने उसका समाधान निकले।
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