मनुष्य जीवन में हम हर चीज पर अपना हक जताते हैं, लेकिन जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि इस भव में जो संपत्ति कमाई है, वह आने वाले भव में हमारे किसी काम नहीं आने वाली है। यह सब जानने के बाद भी हम ‘मैं और मेरा’ की बात करते हैं, लेकिन कभी यह नहीं सोचा कि मेरे मरने के बाद आगे क्या होगा।
आचार्य श्री निश्रा में शनिवार को मोहन टॉकीज में ‘कैसे करें मन के दोषों को दूर’ विषय पर प्रवचन होंगे। श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ, गुजराती उपाश्रय ऋषभदेव केशरीमल जैन श्वे. पेढी के पदाधिकारियों ने प्रवचन लाभ लेने का आग्रह किया है।