रेलवे ने हाल ही में निर्णय लिया है कि दिल्ली से मुम्बई के बीच जो यात्री ट्रेन 90 से लेकर 110 की स्पीड से चलती हैं। उनको 130 की अधिकतम गति तक चलाया जाए। इसके लिए ही ट्रैक में जरूरी सुधार करने के लिए अत्याधुनिक मशीन से लैस आरडीएसओ की विशेष ट्रेन को लखनऊ से भेजा गया है।
इनको मिली जिम्मेदारी
रेल मंडल में ट्रेन के 6 नवंबर तक अलग-अलग दिन होने वाले गति परीक्षण के लिए पांच वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इन अधिकारियों में वरिष्ठ मण्डल यांत्रिक अभियंता पीआर मीणा, वरिष्ठ मण्डल बिजली इंजीनियर कर्षण अजित कुमार आलोक, वरिष्ठ मण्डल परिचालन प्रबंधक विपुल सिंघल, वरिष्ठ मण्डल संकेत व दूरसंचार प्रबंधक एके महावर के अलावा वरिष्ठ मण्डल सुरक्षा प्रबंधक रमन कुमार शामिल हैं।
रेल मंडल में ट्रेन के 6 नवंबर तक अलग-अलग दिन होने वाले गति परीक्षण के लिए पांच वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इन अधिकारियों में वरिष्ठ मण्डल यांत्रिक अभियंता पीआर मीणा, वरिष्ठ मण्डल बिजली इंजीनियर कर्षण अजित कुमार आलोक, वरिष्ठ मण्डल परिचालन प्रबंधक विपुल सिंघल, वरिष्ठ मण्डल संकेत व दूरसंचार प्रबंधक एके महावर के अलावा वरिष्ठ मण्डल सुरक्षा प्रबंधक रमन कुमार शामिल हैं।
गार्ड चालक मण्डल
इस ट्रेन को 130 की गति से चलाने के लिए रेल चालक से लेकर गार्ड तक मण्डल के ही शामिल हैं। इतना ही नहीं मेघनगर से लेकर गोधरा तक जो गति नियंत्रक आदेश है उनको वापस ले लिया गया है। रेलवे के अनुसार नागदा से शुक्रवार सुबह 9 बजे ट्रेन 130 की गति से चली व यह प्रयास है कि 4 घन्टे में नागदा से बड़ोदरा पहुंचा जाए। ट्रेन में मीटर से तकनीकी खराबी मापने के लिए विशेष वायरिंग की गई है। करीब 12 उच्च अधिकारियों का दल ट्रेन में शामिल हैं जो हर 1 किलोमीटर के ट्रैक परीक्षण की रिपोर्ट दे रहा है।
इस ट्रेन को 130 की गति से चलाने के लिए रेल चालक से लेकर गार्ड तक मण्डल के ही शामिल हैं। इतना ही नहीं मेघनगर से लेकर गोधरा तक जो गति नियंत्रक आदेश है उनको वापस ले लिया गया है। रेलवे के अनुसार नागदा से शुक्रवार सुबह 9 बजे ट्रेन 130 की गति से चली व यह प्रयास है कि 4 घन्टे में नागदा से बड़ोदरा पहुंचा जाए। ट्रेन में मीटर से तकनीकी खराबी मापने के लिए विशेष वायरिंग की गई है। करीब 12 उच्च अधिकारियों का दल ट्रेन में शामिल हैं जो हर 1 किलोमीटर के ट्रैक परीक्षण की रिपोर्ट दे रहा है।