प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही पूरे प्रदेश में टोल वसूली करने वाली कंपनियों ने अपनी पॉलिसी में परिवर्तन कर दिया है जिसमें चलते अब एमपीआरडीसी के नियमों के अनुरूप ही टोल वसूली करने पर अब कंपनी जोर दे रही है। टोल वसूली में सख्ती बरतने पर बुधवार को बस ऑपरेटरों ने विरोध जताया।
माननखेड़ा टोल मेनेेजर दिनेश चन्द्रायन ने बताया कि कार से लेकर बस व कर्मशियल वाहनों का एमपीआरडीसी द्वारा शुल्क निर्धारित किया गया है। जिसके तहत ३८ सीटर बस का टोल अगल रहता है और उससे अधिक केपेसीटी वाली बस का किराया अलग रहता है। बुधवार को एक बस चालक बड़ी बस लेकर टोल पर पहुंचा और छोटी बस की पर्ची काटने की बात पर अड़ गया। जब टोल कर्मचारी ने उसे बड़ी बस की पर्ची काटने की बात कहीं तो उसने विवाद किया और बस को टोल पर ही खड़ी कर दी। जिससे पीछे लम्बा जाम लगने लगा, विवाद बढ़ा तो बस चालक ने बस को टोल से हटाकर टोल के आगे बस को आड़ा खड़ा कर दिया। जिससे बस में सवार सभी यात्री भी परेशान होते रहे। टोल मेनेजर के अनुसार बस चालक अडबाजी कर रहा था, जबकि उसके मालिक से भी बात हो गई थी, उन्होने भी पर्ची काटने के लिए कहा दिया था, लेकिन बस चालक नहीं मान रहा था। ऐसे में सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और मामले को शांत किया।