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रतलाम

सर्वर धीमा, परेशान हो रहे व्यापारी व कर्मचारी

अधिक परेशानी जीएसटी आर-१ में

रतलामApr 26, 2018 / 05:36 pm

harinath dwivedi

patrika
रतलाम। एक तरफ सरकार सभी लोगों से समय पर कर का भुगतान चाहती है, दूसरी तरफ सरकारी वेबलिंक की गति इतनी धीमी है कि कारोबारी से लेकर कर्मचारी तक परेशान हो गए है। रतलाम रेंज में करीब २० लाख कारोबारी व कर्मचारी है। इनके सामने सर्वर की गति धीमी होने से परेशानी बढ़ रही है। ३० अप्रैल जीएसटी आर-१ व तीन माह का रिटर्न भरने की अंतिम तारीख है, लेकिन सर्वर कमजोर होने से प्रतिदिन कारोबारियों को भी परेशानी आ रही है।
असल में इसको दो तरह से समझने की जरुरत है। एक तरफ वे सरकारी कर्मचारी है जो आयकर की श्रेणी में आते है। इनको पहली बार आयकर भरने के लिए ऑनलाइन की सुविधा दी गई है। इसके लिए नया रिटर्न फॉर्म जारी किया गया है। इसके अलावा वर्ष २०१८-१९ के आयकरदाताओं के लिए रिटर्न को ई फायलिंग पोर्टल पपर ३१ जुलाई तक भरना है।
अधिक परेशानी जीएसटी आर-१ में आ रही है। कारोबारियों के अनुसार विभाग का सर्वर इतना धीमा है कि सुबह जानकारी भरों तो शाम तक पूरा फॉर्म नहीं भर पा रहे है। रिफेे्रश करने पर पूर्व की भरी हुई जानाकारी गायब हो जाती है। एेसे में अब कारोबारी कर सलाहकार परिषद के चक्कर काट रहे है। असल में जीएसटी आर-१ में तीन माह के रिटर्न को जमा करने की अंतिम तारीख ३० अप्रैल है। एेसे में कारोबारियों के सामने परेशानी ये है कि वे समय पर रिटर्न नहीं कर पाए तो विभाग उन पर जुर्माना लगा देगा, जबकि वे रिटर्न सिर्फ सर्वर की गति धीमे होने से नहीं भर पा रहे है। विभाग का कहना है कि ये तकनीकी मामला है, कर्मचारियों या कारोबारियों की मदद नहीं कर पाएंगे।
चार माह पूर्व घोषणा, अब तक नहीं आया एप, कारोबारी परेशान
वाणिज्य व वस्तु कर विभाग घोषणा के चार माह बाद भी इ-वे बिल जनरेट करने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन नहीं बना पाया है। बुधवार को राज्य में ई बिल की शुरुआत हुई तो अधिकांश कारोबारी तो कर सलाहकार सहित वकिलों व विभाग के चक्कर काटते रहे। विभाग ने बुधवार से राज्य में १२ वस्तुओं पर इ-वे बिल की शुरुआत करने की बात कही थी। कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रतलाम से मंदसौर, नीमच, धार, इंदौर, पीथमपूर सहित प्रदेश में माल भेजने की बुकिंग होती है। यहां माल भेजने के लिए कारोबारियों को इ-वे बिल बनवाना बुधवार से जरूरी हो गया था।

विभाग ने दावा किया था कि कारोबारियों की मदद के लिए जल्द ही ई वे बिल का मोबाइल एप आएगा। चार माह पूर्व की घोषणा पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। इससे परेशानी ये रहती है कि बिल धीरे जनरेट हो रहा है।
– प्रदीप छिपानी, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन
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