चार माह पूर्व घोषणा, अब तक नहीं आया एप, कारोबारी परेशान
वाणिज्य व वस्तु कर विभाग घोषणा के चार माह बाद भी इ-वे बिल जनरेट करने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन नहीं बना पाया है। बुधवार को राज्य में ई बिल की शुरुआत हुई तो अधिकांश कारोबारी तो कर सलाहकार सहित वकिलों व विभाग के चक्कर काटते रहे। विभाग ने बुधवार से राज्य में १२ वस्तुओं पर इ-वे बिल की शुरुआत करने की बात कही थी। कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रतलाम से मंदसौर, नीमच, धार, इंदौर, पीथमपूर सहित प्रदेश में माल भेजने की बुकिंग होती है। यहां माल भेजने के लिए कारोबारियों को इ-वे बिल बनवाना बुधवार से जरूरी हो गया था।
वाणिज्य व वस्तु कर विभाग घोषणा के चार माह बाद भी इ-वे बिल जनरेट करने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन नहीं बना पाया है। बुधवार को राज्य में ई बिल की शुरुआत हुई तो अधिकांश कारोबारी तो कर सलाहकार सहित वकिलों व विभाग के चक्कर काटते रहे। विभाग ने बुधवार से राज्य में १२ वस्तुओं पर इ-वे बिल की शुरुआत करने की बात कही थी। कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रतलाम से मंदसौर, नीमच, धार, इंदौर, पीथमपूर सहित प्रदेश में माल भेजने की बुकिंग होती है। यहां माल भेजने के लिए कारोबारियों को इ-वे बिल बनवाना बुधवार से जरूरी हो गया था।
विभाग ने दावा किया था कि कारोबारियों की मदद के लिए जल्द ही ई वे बिल का मोबाइल एप आएगा। चार माह पूर्व की घोषणा पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। इससे परेशानी ये रहती है कि बिल धीरे जनरेट हो रहा है।
– प्रदीप छिपानी, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन