महा शिवरात्रि केदारेश्वर का अभिषेक
गढ़कैलाश महादेव मंदिर पर रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया गया। हठिलेश्वर महादेव मंदिर मोहन नगर आकर्षक विद्युत सज्जा से जगमगा रहा था। शिवरात्रि की शाम ५.३० बजे महाआरती का आयोजन किया जाएगा। प्राचीन शिव मंदिर शास्त्रीनगर रतलाम पर महा शिवरात्रि पर्व के आयोजन के अंतर्गत रतलाम की प्रसिद्ध गायिका ऊषा कशयप के भजनों की प्रस्तुति मंदिर प्रांगण में सोमवार दोपहर 3 बजे से होगी । इस अवसर पर महाशिवरात्रि से संबंधित विशेष भजनों उनके एवं समस्त मंडली द्वारा दिए जाएंगे । रतलाम के सभी धर्म प्रेमी बंधुओं से आग्रह हैं कि वे इस आयोजन में अवश्य भाग ले। बाबा अमरनाथ की प्रेरणा से २७वीं केदारेश्वर छड़ी यात्रा महाशिवरात्रि के एक दिन पूर्व भक्तन की बावड़ी से दिनेश शर्मा व बाबा गजेंद्रनाथ के नेतृत्व में निकाली गई, सैकड़ों भक्त हाथों में धर्मध्वजा लिए भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए यात्रा प्रमुख मार्गो से होते हुए सैलाना केदारेश्वर की और रवाना हुए। ध्वजा छड़ी पदयात्रा का रात्रि विश्राम धामनोद कालिका माता मंदिर पर होकर देर रात यहां से केदारेश्वर महादेव के लिए भक्त निकलेंगे और शिवरात्रि की सुबह महादेव का अभिषेक आरती कर धर्मलाभ लेंगे।
गढ़कैलाश महादेव मंदिर पर रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया गया। हठिलेश्वर महादेव मंदिर मोहन नगर आकर्षक विद्युत सज्जा से जगमगा रहा था। शिवरात्रि की शाम ५.३० बजे महाआरती का आयोजन किया जाएगा। प्राचीन शिव मंदिर शास्त्रीनगर रतलाम पर महा शिवरात्रि पर्व के आयोजन के अंतर्गत रतलाम की प्रसिद्ध गायिका ऊषा कशयप के भजनों की प्रस्तुति मंदिर प्रांगण में सोमवार दोपहर 3 बजे से होगी । इस अवसर पर महाशिवरात्रि से संबंधित विशेष भजनों उनके एवं समस्त मंडली द्वारा दिए जाएंगे । रतलाम के सभी धर्म प्रेमी बंधुओं से आग्रह हैं कि वे इस आयोजन में अवश्य भाग ले। बाबा अमरनाथ की प्रेरणा से २७वीं केदारेश्वर छड़ी यात्रा महाशिवरात्रि के एक दिन पूर्व भक्तन की बावड़ी से दिनेश शर्मा व बाबा गजेंद्रनाथ के नेतृत्व में निकाली गई, सैकड़ों भक्त हाथों में धर्मध्वजा लिए भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए यात्रा प्रमुख मार्गो से होते हुए सैलाना केदारेश्वर की और रवाना हुए। ध्वजा छड़ी पदयात्रा का रात्रि विश्राम धामनोद कालिका माता मंदिर पर होकर देर रात यहां से केदारेश्वर महादेव के लिए भक्त निकलेंगे और शिवरात्रि की सुबह महादेव का अभिषेक आरती कर धर्मलाभ लेंगे।
यहां भी लगेगा भक्तों का तांता
टेकेश्वर महादेव मंदिर लक्कड़पीठा पर 4 मार्च को भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना कर अभिषेक के बाद आकर्षक शृंगार किया जाएगा। 54वें महाशिवरात्रि उत्सव अन्तर्गत महादेव की शाही सवारी मंदिर से दोपहर 3.30 बजे ढोल ढमाकों के साथ निकाली जाएगी। रात्रि ९ बजे शारदा मंडल द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। अमरदीप युवा मंच के तत्वावधान में पैलेस रोड स्थित श्रीराम मंदिर परिसर में सोमनाथ मंदिर पर प्रात:काल भगवान सोमनाथ महादेव का अभिषेक सम्पन्न होगा। शाम को भगवान सोमनाथ महादेव का फूलों से शृंगार किया जाएगा। महाआरती का सामूहिक उद्बोधन 8.30 बजे कर प्रसादी का वितरण किया जाएगा। मप्र युवा शिवसेना गौ रक्षा न्यास एवं अखिलेश्वर महादेव युवा समिति रेलवे हॉस्पिटल तिराहा द्वारा शिवरात्रि पर महाआरती एवं महाप्रसादी का आयोजन रखा गया है। सोमवार शाम ७ बजे महाआरती की जाकर महाप्रसादी का वितरण भक्तों ने किया जाएगा।
टेकेश्वर महादेव मंदिर लक्कड़पीठा पर 4 मार्च को भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना कर अभिषेक के बाद आकर्षक शृंगार किया जाएगा। 54वें महाशिवरात्रि उत्सव अन्तर्गत महादेव की शाही सवारी मंदिर से दोपहर 3.30 बजे ढोल ढमाकों के साथ निकाली जाएगी। रात्रि ९ बजे शारदा मंडल द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। अमरदीप युवा मंच के तत्वावधान में पैलेस रोड स्थित श्रीराम मंदिर परिसर में सोमनाथ मंदिर पर प्रात:काल भगवान सोमनाथ महादेव का अभिषेक सम्पन्न होगा। शाम को भगवान सोमनाथ महादेव का फूलों से शृंगार किया जाएगा। महाआरती का सामूहिक उद्बोधन 8.30 बजे कर प्रसादी का वितरण किया जाएगा। मप्र युवा शिवसेना गौ रक्षा न्यास एवं अखिलेश्वर महादेव युवा समिति रेलवे हॉस्पिटल तिराहा द्वारा शिवरात्रि पर महाआरती एवं महाप्रसादी का आयोजन रखा गया है। सोमवार शाम ७ बजे महाआरती की जाकर महाप्रसादी का वितरण भक्तों ने किया जाएगा।
भगवान शिव और पार्वती जी श्रद्धा और विश्वास के प्रतीक
शिव महापुराण की कथा भक्ति उत्पन्न करने वाली तथा भगवान शिव को प्रसन्न करने वाली है।24 हजार श्वोंलों का ये दिव्य ग्रंथ जिसमें सात संहिताएं है। यह विचार प्रतापनगर स्थित श्री मनसा महादेव मंदिर परिसर में चल रही सात दिवसीय शिव महापुराण कथा में पं. योगेश्वर शास्त्रीन ने व्यक्त किया। पं. शास्त्री ने बताया कि इस पुराण को सर्व प्रथम भगवान शिव ने अपने मुख से श्री सनत्कुमारो को सुनाया था। तत्पश्चात सनत्कुमारों ने महर्षि वेद व्यासजी को सुनाया। इस शिव कथा को श्रवण एवं मनन करने से प्राणी मात्र का मन शुद्ध हो जाता है। भगवान शिव और पार्वती जी श्रद्धा और विश्वास के प्रतीक है।
शिव महापुराण की कथा भक्ति उत्पन्न करने वाली तथा भगवान शिव को प्रसन्न करने वाली है।24 हजार श्वोंलों का ये दिव्य ग्रंथ जिसमें सात संहिताएं है। यह विचार प्रतापनगर स्थित श्री मनसा महादेव मंदिर परिसर में चल रही सात दिवसीय शिव महापुराण कथा में पं. योगेश्वर शास्त्रीन ने व्यक्त किया। पं. शास्त्री ने बताया कि इस पुराण को सर्व प्रथम भगवान शिव ने अपने मुख से श्री सनत्कुमारो को सुनाया था। तत्पश्चात सनत्कुमारों ने महर्षि वेद व्यासजी को सुनाया। इस शिव कथा को श्रवण एवं मनन करने से प्राणी मात्र का मन शुद्ध हो जाता है। भगवान शिव और पार्वती जी श्रद्धा और विश्वास के प्रतीक है।