अस्पताल के आईसीयू में हुए हादसे के बाद अस्पताल में एक दिन की सख्ती के बाद हालत फिर से पहले जैसे होते नजर आ रहे है। अस्पताल प्रबंधन ने घटना के बाद पूरे अस्पताल में सफाई कराने के साथ मरीज के परिजनों को भी खाना खाकर इधर-उधर गंदगी करने से रोकने की बात कही थी लेकिन वह यह काम भी नहीं कर पा रहे है। एेसे में मरीज के वह परिजन जो टिफिन लेकर आते है, उनमें से कुछ लोग खाना खाकर झूठन और अन्य सामग्री वहीं छोड़ दे है, जिसके चलते चूहे पनपते है।
जिला अस्पताल का परिसर जितने क्षेत्र में फैला है, उसके मान से यहां पर नियमित रूप से प्रतिमाह पेस्ट कंट्रोल कराया जाना होता है। वह ठीक से नहीं होने की स्थिति में चूहे हो जाते है और मरीज के परिजन जब खाना खाकर झूठन नालियों में या खाना खाने वाले स्थान पर छोड़ जाते है तो चूहे वहां तक आने के लिए रास्ता बना लेते है और धीरे-धीरे उनकी संख्या में भी इजाफा होने लगता है। इसे कराने में किसी भी माह गेप नहीं होना चाहिए। एेसी स्थिति में चूहे फिर से पनप सकते है।
जिला अस्पताल में 23 जुलाई 2016 को मेटरनिटी वार्ड के बाहर बरामदे की छत का हिस्सा गिर गया था। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और ९ लोग घायल हो गए थे। हादसे की वजह पता लगाने के लिए जब जांच की गई तो कारण चूहों द्वारा बरामदे के पिल्लर के नीचे की मिट्टी निकाले जाने से उसका कमजोर होना बताया गया था। इस हादसे के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शासन से पेस्ट कंट्रोल के लिए राशि भी मांगी थी जो वर्ष 2018 में मिली थी।
अस्पताल के आईसीयू में भर्ती अर्जुन नगर निवासी सूरजसिंह पिता राजेंद्रसिंह भाटी के पैर की एडी को ४ अगस्त की रात चूहे कुतर गए थे। मरीज के कोमा में होने के चलते वह कुछ नहीं कर सका। सुबह पिता की नजर जब बेटे के पैर पर पड़ी तब घटना का खुलासा हुआ। उसके बाद फिर अस्पताल में एक बार निजी फर्म से पेस्ट कंट्रोल कराया गया था, जिसे पंद्रह दिन बीत गए है। यदि अगले पंद्रह दिन में निविदा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो फिर से उक्त फर्म से पेस्ट कंट्रोल कराना होगा।
ई-टेंडर की चल रही प्रक्रिया
– पेस्ट कंट्रोल के लिए निविदा बुलाए जाने पर दो फर्म के आवेदन आए थे लेकिन वह इसके लिए योग्य नहीं पाए गए थे, जिसके चलते उनके आवेदन निरस्त कर दिए थे। अब ई-टेंडर बुलाए जाने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे कि अधिक फर्म इसमें हिस्सेदारी कर सकेगी। जल्द ही प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, रतलाम