मंदसौर जिले को राजस्थान से जोडऩे वाला धतुरिया-चौमहला मार्ग पर चंबल नदी पर बना पुल अतिवृष्टि के चलते बह गया। 14-15 सितंबर की बाढ़ के दौरान बहे पुल के पिल्लर ही शेष बचे है, करीब 5 दिनों से आवाजाही बंद है तो प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की सेतु शाखा चंबल की बाढ़ कम होने का इंतजार कर रहे है। यह पुल मंदसौर जिले के सीतामऊ से धतुरिया को चौमहला राजस्थान से जोड़ता है। पुल राजस्थान के हिस्से वाली चंबल पर बना है। 30 जून 2009 को इसका निर्माण कराया गया था।
मंदसौर जिले में हुई भारी बारिश के इस कई नए रेकॉर्ड बना दिए है। बारिश के साथ अब हर दिन गांधीसागर से नए रेकॉर्ड जुड़ रहे है। बांध बनने के बाद 46 सालों में पहली बार इस वर्ष सबसे अधिक पानी छोड़ा गया। बांध के निर्माण से अब तक इतने सालों में दूसरी बार ऐसा मौका है। जब इतना पानी छोड़ा गया, लेकिन सिर्फ सितंबर माह की बात करें तो एक ही माह में ९ हजार एमसीएस पानी छोड़ा गया जो अब तक पहला रेकॉर्ड है। इस बारिश में अब तक 10 हजार 767 एमसीएसम पानी छोड़ा है। 21 सितंबर की रात में सभी गेट बंद कर दिए गए और गांधीसागर का वाटरलेवर 1310.15 फीट है तो आवक 18 हजार क्यूसेक से हो रही है। गांधीसागर बांध में इस बार कई नए रेकॉर्ड बने। इसमें पानी छोडऩे के अलावा ओवरफ्लो की स्थिति भी पहली बार बनी तो गांधीसागर के पानी से रिंगवाल ओवरफ्लो होकर रामपुरा में पानी भी पहली बार घुसा इतना ही नहीं गांधीसागर डेम के गेट के ऊपर पेनस्ट्राक से पहली बार पानी बहा। इसके अलावा निकासी से कई अधिक आवक हो रही थी। एक माह से अधिक समय तक लगातार गेट खुले रहे।
जल संसाधन विभाग गांधीसागर बांध के एसडीओ एमएल त्रिवेदी ने बताया कि गांधीसागर बांध के निर्माण के बाद इस साल पहली बार ऐसा मौका आया कि सितंबर में इतना पानी बांध से छोडऩा पड़ा। सिर्फ सितंबर माह में 1 हजार मिलीयन क्यूबिक मीटर छोड़ा गया। सामान्य तौर पर बारिश का अंतिम दौर होने के कारण सितबंर में कभी इतना पानी नहीं छोड़ा गया। लगातार १ माह से अधिक समय से गेट खुले थे जिन्हें रविवार रात को बंद किया। बारिश में अब तक बांध से 10 हजार 767 मिलीयन क्यूबिक मीटर पानी छोड़ा जा चुका, जो एक रेकॉर्ड है।