सिविल सेवा की तैयारी करने वाले बच्चों को मार्गदर्शन देने के लिए प्रशासन भी उनकी दक्षता परीक्षा लेगा। उसके बाद उन्हे गाइडेंस देने के लिए कक्षा में चुना जाएगा। उसे कलेक्टर, एसपी सहित इस परीक्षा से चुने गए अधिकारियों के साथ स्पेशल ट्यूटर प्रशिक्षण देंगे। ये कक्षा सप्ताह में एक दिन रविवार को लगेगी। इसमें बच्चों को बेहतर पढ़ाई व सेलबस भी जिले के अधिकारी उपलब्ध कराएंगे। बच्चों को मार्गदर्शन देने के लिए प्रशासन के साथ पुलिस अधिकारियों ने कॅरियर गाइडेंस कक्षा शुरू करने का निर्णय लिया है। इसमें ये सभी अधिकारी समय निकालकर पहुंचेंगे और बच्चों को तैयारी करने का तरीका सिखाएंगे।
कलेक्टर ने बताया कैसे होती है पढ़ाई
– कलेक्टर रूचिका चौहान ने बताया कि इस तैयारी में तीन पी का होना बहुत जरूरी है। पहला पी – प्लानिंग आप जिस भी परीक्षा में भाग ले रहे है, उसकी प्लानिंग करें। आपको सिलेबस पता होना चाहिए, यानी पिछली बार का प्रश्न पत्र। कई दिनों का समय सिलेबस में लगाए। दूसरा पी – पेशन, यदि आप किसी स्टेज पर पास नहीं होते है तो आप अपने अंदर की एनर्जी को बनाए रखें। जो व्यक्ति इसमें भाग लेने को तैयार, वह बिना घड़ी देखे पढ़े, सिर्फ पढ़ाई, नहाने, खाना खाने व सोने के आगे आपके पास समय नहीं है, तो ही आप इसे हासिल कर सकते है। तीसरा पी – पसीफीयररेंस लगातार आपकी ऊर्जा व एनर्जी को बनाकर रखना। कई बार एेसे मौके आएंगे जब आप नर्वस हो जाएंगे। एक पी और है जो कि प्रेक्टीस जिसकी आपको बहुत जरूरत है।
– कलेक्टर रूचिका चौहान ने बताया कि इस तैयारी में तीन पी का होना बहुत जरूरी है। पहला पी – प्लानिंग आप जिस भी परीक्षा में भाग ले रहे है, उसकी प्लानिंग करें। आपको सिलेबस पता होना चाहिए, यानी पिछली बार का प्रश्न पत्र। कई दिनों का समय सिलेबस में लगाए। दूसरा पी – पेशन, यदि आप किसी स्टेज पर पास नहीं होते है तो आप अपने अंदर की एनर्जी को बनाए रखें। जो व्यक्ति इसमें भाग लेने को तैयार, वह बिना घड़ी देखे पढ़े, सिर्फ पढ़ाई, नहाने, खाना खाने व सोने के आगे आपके पास समय नहीं है, तो ही आप इसे हासिल कर सकते है। तीसरा पी – पसीफीयररेंस लगातार आपकी ऊर्जा व एनर्जी को बनाकर रखना। कई बार एेसे मौके आएंगे जब आप नर्वस हो जाएंगे। एक पी और है जो कि प्रेक्टीस जिसकी आपको बहुत जरूरत है।
ध्यान रहे क्या पढऩा है, क्या नहीं
– आपको क्या पढऩा है और क्या नहीं पढऩा है इस बात का ध्यान रखना है। आप बार-बार सेंपल, मॉडल प्रश्न पत्र हल करेंगे तब आपको यह पता चल जाएगा कि क्या पढऩा, क्या नहीं। हर चीज की जानकारी नहीं उसकी अंदर तक होना चाहिए। छह दिन पढ़े और सातवें दिन रिवीजन करें। क्यो कि मल्टीपल प्रश्न के सहीं व गलत उत्तर में बहुत मामूली अंतर होता है, जो हमे कंफ्यूज कर देते है। एक बार की पढ़ाई में आप इसे क्लीयर नहीं कर पाएंगे।
– आपको क्या पढऩा है और क्या नहीं पढऩा है इस बात का ध्यान रखना है। आप बार-बार सेंपल, मॉडल प्रश्न पत्र हल करेंगे तब आपको यह पता चल जाएगा कि क्या पढऩा, क्या नहीं। हर चीज की जानकारी नहीं उसकी अंदर तक होना चाहिए। छह दिन पढ़े और सातवें दिन रिवीजन करें। क्यो कि मल्टीपल प्रश्न के सहीं व गलत उत्तर में बहुत मामूली अंतर होता है, जो हमे कंफ्यूज कर देते है। एक बार की पढ़ाई में आप इसे क्लीयर नहीं कर पाएंगे।
किसी का भी हो सकता है
– एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि यदि इस परीक्षा में मेरा चयन हो गया है तो किसी का भी हो सकता है, मेरे बैच के दो लड़के एेसे है जो कि इंटर मिडिएट में दो बार फेल हो गए थे, लेकिन आज वह आईपीएस है। गुवाहाटी में मछली बेचने वाला आज आईएएस है। मेरा मानना है कि इस परीक्षा में ज्यादातर लोग ६० से ७० प्रतिशत तक के सक्सेस होते है। इस परीक्षा में हमारा ज्ञान नहीं पर्सनलिटी का आंकलन होता है। यूपीएससी सिर्फ ज्ञान के लिए नहीं है। इसमें उनका चयन होता है, जिनमें त्वरित निर्णय लेने की क्षमता होती है। वहीं जो लोग आमजन की अपेक्षा पर खरे नहीं उतरते है, उन्हे तो यह बनना ही नहीं चाहिए।
– एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि यदि इस परीक्षा में मेरा चयन हो गया है तो किसी का भी हो सकता है, मेरे बैच के दो लड़के एेसे है जो कि इंटर मिडिएट में दो बार फेल हो गए थे, लेकिन आज वह आईपीएस है। गुवाहाटी में मछली बेचने वाला आज आईएएस है। मेरा मानना है कि इस परीक्षा में ज्यादातर लोग ६० से ७० प्रतिशत तक के सक्सेस होते है। इस परीक्षा में हमारा ज्ञान नहीं पर्सनलिटी का आंकलन होता है। यूपीएससी सिर्फ ज्ञान के लिए नहीं है। इसमें उनका चयन होता है, जिनमें त्वरित निर्णय लेने की क्षमता होती है। वहीं जो लोग आमजन की अपेक्षा पर खरे नहीं उतरते है, उन्हे तो यह बनना ही नहीं चाहिए।
प्रदेश का प्रतिनिधित्व बहुत कम
शहर एसडीएम बने आईएएस राहुल धोटे ने बताया कि यूपीएससी में एक हजार लोगों का सिलेक्शन होता है, उसमें अधिकांश यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र से होते है। एक हजार में से १०० से ८० लोग इन सभी प्रदेश के होते है, लेकिन जब आप मप्र की सिलेक्शन लिस्ट में जाएंगे तो मुश्किल से १८ से २० का चयन होता है। हम सबसे पीछे है बडे़ राज्यों से, कारण यह है कि हमारे पास दो चीजों की कमी है गाइडेंस और आत्मविश्वास की कमी होती है। हमे लगता है कि हम नहीं कर सकते है। आप आज संकल्प लें कि आपको जो भी करना है, उसमें आप पूरी जान डाल दें।
शहर एसडीएम बने आईएएस राहुल धोटे ने बताया कि यूपीएससी में एक हजार लोगों का सिलेक्शन होता है, उसमें अधिकांश यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र से होते है। एक हजार में से १०० से ८० लोग इन सभी प्रदेश के होते है, लेकिन जब आप मप्र की सिलेक्शन लिस्ट में जाएंगे तो मुश्किल से १८ से २० का चयन होता है। हम सबसे पीछे है बडे़ राज्यों से, कारण यह है कि हमारे पास दो चीजों की कमी है गाइडेंस और आत्मविश्वास की कमी होती है। हमे लगता है कि हम नहीं कर सकते है। आप आज संकल्प लें कि आपको जो भी करना है, उसमें आप पूरी जान डाल दें।
लाइफ के साथ प्रयोग करो
एएसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि आपको अपनी लाइफ के साथ प्रयोग करना है, यदि आप उसमें सफल हो गए तो बहुत अच्छी बात है, नहीं हुआ तो आप एक सक्सेसफूल फेलीयर ही रहेंगे। आप एक अच्छे इंसान तो बन जाएंगे। एक परिस्थिति में रहना आपको सब कुछ सीखा देगा। यदि आपने इसमें पढ़ लिया तो आप दुनिया की कई सारी परीक्षाएं पास कर लेंगे। सरकार व यूपीएससी भी जानता है कि बहुत कठीन परीक्षा है। आपको पता होना चाहिए कि आप किससे मोटिवेट होते है। आज कल इंटरनेट पर हर चीज मिलती है, जिस पर सब कुछ मिल जाता है। बस आपको इमानदारी से पढऩा पडेग़ा।
एएसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि आपको अपनी लाइफ के साथ प्रयोग करना है, यदि आप उसमें सफल हो गए तो बहुत अच्छी बात है, नहीं हुआ तो आप एक सक्सेसफूल फेलीयर ही रहेंगे। आप एक अच्छे इंसान तो बन जाएंगे। एक परिस्थिति में रहना आपको सब कुछ सीखा देगा। यदि आपने इसमें पढ़ लिया तो आप दुनिया की कई सारी परीक्षाएं पास कर लेंगे। सरकार व यूपीएससी भी जानता है कि बहुत कठीन परीक्षा है। आपको पता होना चाहिए कि आप किससे मोटिवेट होते है। आज कल इंटरनेट पर हर चीज मिलती है, जिस पर सब कुछ मिल जाता है। बस आपको इमानदारी से पढऩा पडेग़ा।
हम केवल गाइड कर सकते है
जिला पंचायत सीईओ सोमेश मिश्रा ने बताया कि आप पढ़ाई करिए और रिवीजन कीजिए, हम केवल आपको गाइड कर सकते है लेकिन अपने अंदर की लो आपको जलाए रखना है। यदि आप अपनी मेहनत के प्रति इमानदार है, तो आपका चयन होना तय है। इस परीक्षा में चुने जाने के लिए आपका अंग्रेजी माध्यम से होना जरूरी नहीं है, आप यदि हिंदी माध्यम के भी है तो आपका चयन होगा।
जिला पंचायत सीईओ सोमेश मिश्रा ने बताया कि आप पढ़ाई करिए और रिवीजन कीजिए, हम केवल आपको गाइड कर सकते है लेकिन अपने अंदर की लो आपको जलाए रखना है। यदि आप अपनी मेहनत के प्रति इमानदार है, तो आपका चयन होना तय है। इस परीक्षा में चुने जाने के लिए आपका अंग्रेजी माध्यम से होना जरूरी नहीं है, आप यदि हिंदी माध्यम के भी है तो आपका चयन होगा।
ये अधिकारी पढ़ाएंगे पाठ
– कलेक्टर रूचिका चौहान
– एसपी गौरव तिवारी
– एएसपी प्रदीप शर्मा
– जिला पंचायत सीईओ सोमेश मिश्रा
– शहर एसडीएम राहुल धोटे
– कलेक्टर रूचिका चौहान
– एसपी गौरव तिवारी
– एएसपी प्रदीप शर्मा
– जिला पंचायत सीईओ सोमेश मिश्रा
– शहर एसडीएम राहुल धोटे