सर्वशिक्षा अभियान में गांवों में स्कूल भवन, बाउंड्रीवाल या स्कूल से जुड़े निर्माण कार्यों के लिए सरकार ने ग्राम पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाया था। स्वीकृत कार्यों की स्वीकृत राशि की ५० फीसदी राशि कार्य शुरू होने से पहले इनके खातों में जमा करवा दी गई थी। जो आंकड़ेे सामने आए हैं उसके अनुसार 139 निर्माण कार्यों की राशि करोड़ों रुपयों में होती है। यह राशि तत्कालीन ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिवों ने बेखौफ निकालकर उपयोग कर ली जबकि निर्माण के नाम पर एक गड्ढा तक नहीं खोदा गया।
जिन 139 स्वीकृत निर्माण कार्यों की राशि स्वीकृत करके तत्कालीन सरपंच-सचिवों के खातों में जमा कराई गई थी। उनमें से 49 निर्माण कार्य ऐसे सामने आए हैं उनमें उनके सरपंच और सचिवों ने कोई राशि आहरित नहीं की और न ही उसका कोई उपयोग किया है। यह राशि उनके खातों में अब भी वैसी ही जमा है। इतने समय तक राशि जमा होने के बाद काम नहीं करने पर भी इनके खिलाफ कार्रवाई तय की जा रही है। हालांकि इनकी सजा कम हो सकती है और जिन्होंने राशि निकाल ली है उनकी सजा ज्यादा होगी।
अप्रारंभ निर्माण कार्यों में सबसे बड़ी बात यह है कि इनकी 90 फीसदी संख्या सैलाना और बाजना विकासखंडों में हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा 66 बाजना विकासखंड के निर्माण कार्य हैं। आदिवासी अंचल के सरपंच और सचिव होने से जिले में बैठे अधिकारी राशि जमा होने के बाद कड़ी कार्रवाई के लिए अब तक बचते रहे हैं। अब जिपं सीईओ ने सभी की सूची मंगाकर समीक्षा की तो यह तथ्य उभरकर सामने आया। सभी सरपंच-सचिवों को अंतिम सूचना पत्र जारी करके एक सप्ताह का समय दिया जा रहा है।
कुल स्वीकृत लेकिन अप्रारंभ कार्य – 139
पीएस, एमएस भवन – 08
पीएस, एमएस अतिरिक्त कक्ष – 86
शौचालय – 17
मरम्मत कार्य – 01
बाउंड्रीवाल निर्माण – 27 ———— सीईओ ने दिए हैं आदेश
जिला पंचायत सीईओ ने सर्वशिक्षा अभियान के अप्रारंभ निर्माण कार्यों की समीक्षा की है। उन्होंने सभी को एक सप्ताह में राशि जमा करवाने का नोटिस जारी करने को कहा है। इसके बाद ये लोग राशि नहीं जमा करवाते हैं तो सभी के खिलाफ वारंट जारी करके पुलिस प्राथमिक दर्ज कराई जाएगी।
सीएल सालित्रा, एपीसी रमसा