रेलवे के खानपान में सुधार के लिए आठ माह पूर्व नियंत्रण महालेखा परिषद (कैग ) ने महत्वपूर्ण सुझाव के साथ रिपोर्ट जारी की थी। जुलाई 2017 को जारी रिपोर्ट में जिन बिंदुओं पर ध्यान खींचा गया था, अब तक उनमे बदलाव नहीं हुआ हैं। अब भी ट्रेन के टॉयलेट में भरे जाने वाली पानी से ही खाना को पकाया जा रहा है। इसके अलावा ट्रेन के सुविधाघर में सब्जी आदी को रखा जा रहा है।
जुलाई में आई थी रिपोर्ट जुलाई 2017 में कैग ने ट्रेन की पैंट्रीकार की हकीकत को बयां करती रिपोर्ट दी थी। इसको संसद में प्रस्तुत किया गया था। तब पैंट्रीकार के खाने में हो रही गड़बड़ी के बारे में विस्तार से बात की गई थी। इसके बाद रेलवे ने देशव्यापी अभियान चलाने, इसमे सुधार के दावे आदि की बात की थी। इन आठ माह में थोड़ा बहुत सुधार भी पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल से निकलने वाली यात्री ट्रेन में नजर नहीं आ रहा है। हालात ये है कि अब भी सबकुछ पुराने ढर्रे पर चल रहा है।
ये बोला था कैग ने अपनी रिपोर्ट में
– यात्रियों को बासी भोजन मिलता हैं- अब भी ये शिकायत जारी। – टॉयलेट में सब्जी रख जा रही है- ये अब भी जारी है।
– टॉयलेट के पानी से भोजन पकाते है- ये अब भी जारी है।
– यात्रियों को बासी भोजन मिलता हैं- अब भी ये शिकायत जारी। – टॉयलेट में सब्जी रख जा रही है- ये अब भी जारी है।
– टॉयलेट के पानी से भोजन पकाते है- ये अब भी जारी है।
– भोजन पकाने की अनुमति नहीं- बगैर अनुमति के जारी हैं ये काम।
– भोजन की क्वालिटी बेहद घटिया- अब भी ये ही शिकायत कायम है। – आए दिन ओचरचार्ज होता- इसके लिए तमाम दावे, हकीकत में ये जारी।
– भोजन की क्वालिटी बेहद घटिया- अब भी ये ही शिकायत कायम है। – आए दिन ओचरचार्ज होता- इसके लिए तमाम दावे, हकीकत में ये जारी।
रतलाम मंडल में ये काम जारी मंडल में से निकलने वाली अवध एक्सपे्रस, गोल्डन टेंपल मेंल, डिलक्स एक्सपे्रस, गणगौर एक्सपे्रस आदि वो यात्री ट्रेन है, जिनमे नियम को रोंदकर पैंट्रीकार चल रही है। पैंट्रीकार के मैनेजरों को रेल अधिकारियों का खौंफ ही समाप्त हो गया है। आय बढ़ाने के लक्ष्य में व्यस्त मंंडल के वाणिज्य विभाग के अधिकारी दिखावे के लिए तो पैंट्रीकार की जांच करते है, लेकिन इसमे किसी प्रकार की कोई कमी नहीं तलाश पाते है।
कोटा जाने वाली ट्रेन में हुई थी घटना गोल्डन टेंपल मेंल एक्सपे्रस ट्रेन में तो शामगढ़ से लेकर कोटा तक चलती ट्रेन में गैस लिकेज की घटना हुई थी। तब कोटा मंडल में कार्यरत सहायक वाणिज्य अधिकारी नंदकिशौर मीणा ने अपनी सुझबुझ से ट्रेन को द बर्निंग ट्रेन बनने से बचाया था। रेलवे नियम अनुसार ट्रेन में किसी प्रकार का भोजन बनाने पर रोक है, लेकिन अनेक ट्रेनों की पैंट्रीकार में इस नियम को तोड़ा जा रहा है।
जरूरी होने पर लेते हैं पेंट्रीकार में अनेक प्रकार के काम के लिए पानी की जरुरत होती है। ड्रम में पानी को भरकर रखते है। स्टेशन आता है तो पानी भरा जाता है।
– हरीशंकर, पेंट्रीकार मैनेजर, गोल्डन टेंपल मेल नियमित जांच चलती रहती है यात्री ट्रेनों की पैंट्रीकार में नियमित रुप से जांच चलती रहती है। यात्रियों को किसी प्रकार की शिकायत है तो वे १३३ नंबर पर अपनी समस्या बता सकते है।
– जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल