हालाकि स्वास्थ्य विभाग इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले काफी राहत में है। इसके पीछे कारण जिले में अब तक डेंगू पर काफी हद तक नियंत्रण किया जाना रहा है। जनवरी से लेकर नवंबर माह में अब तक जिले में 16 मरीज डेंगू के सामने आए है, इनमें से एक भी मरीज की इससे मौत नहीं हुई है। इन मरीजों में से भी 5 पांच मरीज धार, झाबुआ और मेघनगर से आए थे। शेष 11 मरीज रतलाम के थे, जो रतलाम के बाहर काम के लिए या किसी अन्य कार्य से गए थे और जब लौटे तब बीमार हो चुके थे।
22 टेस्ट लगाए थे जिले में डेंगू की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इस वर्ष कुल 35 टेस्ट लगाए थे। इनमें से 22 शासकीय अस्पताल में आए थे, जबकि 13 टेस्ट निजी अस्पताल के थे। इनमें से भी सिर्फ 16 में डेंगू की पुष्टि हुई लेकिन वह भी सामान्य है। किसी भी मरीज की हालत खतरे में नहीं है। जिन लोगों में यह बीमारी पाई गई थी, उनके घर व मोहल्ले में सर्वे कर दवाई का छिड़काव भी कराया जा चुका है।
492 टेस्ट गत वर्ष लगे
जिले में डेंगू का कहर गत वर्ष काफी था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वर्ष 2018 में कुल 492 टेस्ट लगाए थे। इनमें से 162 में डेंगू की पुष्टि हुई थी। इतनी बड़ी संख्या में मरीज सामने आने के बाद इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग के अमले ने सबक लिया और बीमारी बढऩे के पहले ही उसकी रोकथाम के उपाय शुरू कर दिए थे, जिसके चलते बीमारी पनप नहीं पाई।