जिनवाणी के बाद रजत मुद्रिका से तपस्वी का बहुमान
इस अवसर पर मुनिराज धर्मरति विजय महाराज ने श्रेणी तप की महत्ता पर प्रकाश डाला। आराधना भवन में 25 वर्ष पश्चात हुए इस तप की अनुमोदना की तथा स्थानक सम्प्रदाय के अजीत मुनि ने जिनवाणी का श्रवण कराते हुए तपस्वी के तप की अनुमोदना की। इस अवसर पर आराधना भवन ट्रस्ट बोर्ड, श्री संघ अध्यक्ष अशोक लुनिया, उपाध्यक्ष पप्पूभाई बंबई वाला, सचिव हिम्मत गेलडा, सह सचिव राजेश गांधी, कोषाध्यक्ष पारस मूणत, ट्रस्टी विजय मेहता, जीवन पितलिया, अमृत जैन, विनोद मूणत ने तपस्वी का शाल व रजत मुद्रिका देकर श्री संघ की ओर से बहुमान किया गया।
आराधना भवन सेवा समिति अध्यक्ष प्रदीप कटारिया, सचिव अमित कोठारी द्वारा भी अनुमोदना की गई। हरनिया परिवार द्वारा उक्त बहुमान समारोह में समस्त समाजजनों का दूध से चरण प्रक्षालन कर संघ पूजन का लाभ लिया।