बबलू ने पुलिस को बताया कि उसका विवाह छह सात माह पहले शोभा की लड़की अंजू के साथ हुआ था। शादी के बाद पत्नी ज्यादातर अपनी मां के साथ रहती थी। इसी दौरान पता चला कि सास का दूसरे पति से अलग होने के बाद कई लोगों से अवैध संबंध हो गए थे। पत्नी अंजू के भी उसी क्षेत्र में अवैध संबंध हो गए। वह कई बार अपनी पत्नी अंजू को लेने आया किंतु सास ने हर बार मना किया और बेइज्जती करती रहती थी। बार-बार बेइज्जती और पत्नी के दूसरे से अवैध संबंधों की वजह ने पत्नी अंजू और सास शोभा को मारने का प्लान तैयार किया। घटना वाले दिन वह उसके घर पहुंचा और सास पर तलवार से हमला कर दिया। तलवार लगने के बाद भी वह खड़ी होने बबलू घबरा गया था।
हत्यारा बबलू इतना शातिर था कि रात में हत्या करके वहां से गायब हो गया और फिर ऐसा दर्शाया कि सूचना मिलने के बाद वह बजरंगनगर और फिर अस्पताल आया। हत्या करने के बाद वह अपने गांव चला गया था। सुबह वापस लौट आया और पूरे समय शोभा के परिवार वालों के साथ जमाई की हैसियत से रहा। इस दौरान पत्नी अंजू ने भी पुलिस को जो बयान दिए उससे उस पर किसी को शंका नहीं हुई थी। यही नहीं शाम को दाह संस्कार के समय भी आरोपी बबलू पूरे समय परिवार के साथ रहा। सायबर सेल ने बबलू के मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रेस की और उसे दूसरा मोबाइल बताकर कहा कि यह महिला का मोबाइल फोन है जिसमें तेरे नंबर है। इस पर वह घबराया और उसने स्वीकार कर लिया।